जलबपुर पदोन्नति में आरक्षण, पदोन्नति के नए नियम को लागू किए जाने, बैकलाक के पदों पर भर्ती सहित कई अन्य मांगों को लेकर म.प्र. अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ ने एक दिवसीय धरना दिया।
सिविक सेंटर में आयोजित इस प्रदेशव्यापी धरने में मौजूद अनेक वक्ताओं ने अपने उद्गार व्यक्त किए।
धरने में शामिल वक्ताओं का कहना रहा कि म.प्र के स्पेशन कौंसिल मनोज गोरकेला द्वारा बनाए गए पदोन्नति के नियमों को लागू किया जाए। प्रदेश के विभिन्न विभागों में हजारों की संख्या में आरक्षित वर्ग के पद खाली हैं, इसलिए इन बैकलाक पदों पर भतियां की जाएं। प्रदेश में आउटसोर्सिंग के जरिए बड़े पैमाने पर भर्ती कर यहां के बेरोजगारों का हक मारा जा रहा है और आउटसोर्सिंग के जरिए रखे गए कर्मचारियों का भी शोषण किया जा रहा है। इसलिए आउटसोर्सिंग प्रथा को भी बंद किया जाए।
अगर इसे अपरिहार्य परिस्थितियों में इसे लागू किया भी जाता है तो इसमें भी आरक्षण की व्यवस्था की जाए। जबकि मुख्यमंत्री ने आउटसाेर्सिंग में आरक्षण प्रक्रिया को लागू किए जाने के मुद्दे पर सैद्धांतिक ताैर पर सहमति जताई थी। इसी तरह से सफाई कामगारों के मसले में वक्ताओं का कहना रहा कि सफाई ठेकेदार कर्मचारियों की संख्या तो आधी से कम रखता ही है साथ ही उनको पारिश्रमिक भी कलेक्टर दर से बहुत कम देता है। इसी तरह से अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भी समय पर नहीं मिलती, जिसके चलते उन्हें अनेक तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ता है। सभी वक्ताओं ने प्रदेश सरकार से मांग की इन सभी विषयों पर वो गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए इन्हें पूरा करे।
इनकी रही मौजूदगी: इस मौके पर अजाक्स के अजय सोनकर, राजेंद्र तेकाम, योगेश चौधरी, राकेश समुंद्रे, धर्मेंद्र कुकरेले, दालचंद पासी, दिनेश बागरी, शेखलाल आर्माे, नेतराम झारिया, उदयराज सिंह, सुभाष खंडारे, राजू मस्के, महेंद्र चौधरी, अजय मांझी , घनश्याम अहिरवार, टीआर बरकड़े, मूलचंद अहिरवार सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रही।