कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय हड़कंप मच गया, जब लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय में दबिश देकर महिला लेखापाल संगीता झाड़े को 25 हजार की रिश्वत के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया।
महिला लेखापाल ने बालक छात्रावास सोनपुर में पदस्थ चपरासी की सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि में बदलाव के एवज में 80 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी, जिसके बाद पहली किश्त 25 हजार रुपये लेखापाल को दी जा रही थी। चपरासी द्वारा कार्यालय के चक्कर बार-बार काटे जा रहे थे, लेकिन लेखापाल लगातार रुपयों की मांग कर रही थी। परेशान होकर चपरासी के पुत्र ने 16 फरवरी को जबलपुर लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी। इसके बाद लोकायुक्त ने लेखापाल को पकड़ने योजना बनाई तथा मंगलवार को जैसे ही चपरासी का पुत्र 25 हजार रुपये लेकर पहुंचा तो कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर खड़ी लोकायुक्त की टीम ने लेखापाल संगीता झाड़े को रंगेहाथ पकड़ लिया।
बताया जा रहा है कि आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में पदस्थ चपरासी गंगाराम सूर्यवंशी की सेवा पुस्तिका में दर्ज जन्मतिथि में दो साल का अंतर हो गया था, जिसे वह सुधरवाना चाह रहा था। लेकिन लेखापाल द्वारा सुधार कार्य नहीं किया जा रहा था। गंगाराम सूर्यवंशी को परेशान देख उसके बेटे नीलेश निवासी लहगडुआ तहसील अमरवाड़ा ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। लोकायुक्त की इस कारवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है।
शिकायकर्ता नीलेश सूर्यवंशी ने बताया कि पिता की उम्र में दो साल का अंतर आ रहा था, जिसे सुधरवाना था जिसके ऐवज में 80 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। शिकायत के बाद लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई की गई। लोकायुक्त निरीक्षक स्वप्रनिल दास ने बताया कि लेखापाल को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया है। मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। इस मामले में और किसी की सहभागिता सामने आती है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। इस कारवाई में निरीक्षक स्वप्निल दास, मंजू किरण तिर्की, भूपेंद्र दीवान, आरक्षक जुबेद खान, अतुल श्रीवास्तव, विजय विष्ट, लक्ष्मी रजक, सुरेंद्र राजपूत शामिल थे।