उज्जैन । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने मंगलवार को कालिदास संस्कृत अकादमी के सभागृह में महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय और कालिदास संस्कृत अकादमी मप्र संस्कृति परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत सात दिवसीय राष्ट्रीय संस्कृत चलचित्रोत्सव का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य विजय कुमार सीजी ने की।
मंत्री डॉ.यादव ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान में भारतीय संस्कृति का स्वर्णिमकाल चल रहा है। इससे हम सभी आनन्दित और प्रसन्नचित्त हैं। संस्कृत हमारी देवभाषा है। प्रधानमंत्री द्वारा देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। इसके अन्तर्गत क्षेत्रीय भाषाओं को भी पाठ्यक्रम में शामिल कर महत्व दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा और संस्कृति को और अधिक समृद्ध बनाना है। अंग्रेजों के शासन के दौरान जब लॉड मैकाले द्वारा शिक्षा नीति देश में लागू की गई थी, उसके पहले हमारे देश का साक्षरता दर उच्चतम था। इसका कारण हमारी संस्कृति ही थी। मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि संस्कृत दुनिया की सभी भाषाओं का आधार है। राष्ट्रीय संस्कृत चलचित्रोत्सव एक बहुत ही अच्छा आयोजन है। इससे निश्चित रूप से संस्कृत भाषा में फिल्म मेकिंग को बढ़ावा मिलेगा। आने वाले दिनों में महाकवि कालिदास और सम्राट विक्रमादित्य पर संस्कृत में फिल्म बनाई जायेगी।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण कालिदास संस्कृत अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ.संतोष पंड्या द्वारा दिया गया। जानकारी दी गई कि कालिदास संस्कृत अकादमी में अगले सात दिन तक शाम 5.30 बजे से संस्कृत में बनी फिल्मों का प्रसारण किया जायेगा। सोमवार को आदि शंकराचार्य पर आधारित फिल्म का प्रसारण किया गया। प्रतिदिन बाल आधारित, भगवत गीता आधारित और समाज पर आधारित फिल्मों का प्रसारण किया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ.उपेंद्र भार्गव ने किया। इस दौरान महर्षि पाणिनी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.दिलीप सोनी, कालिदास संस्कृत अकादमी की उप निदेशक डॉ.योगेश्वरी फिरोजिया एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।