कलेक्टर ने स्वयंसेवी संस्थाओं को सेक्टरवार दीप प्रज्वलन की जिम्मेदारी सौंपी
उज्जैन । महाशिवरात्रि पर्वपर उज्जैन शहर में 21 लाख दीपक जलाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यही नहीं इस दिन शिप्रा नदी के दोनों तटों पर रामघाट, दत्त अखाड़ा, सुनहरी घाट, नृसिंह घाट, रविदास घाट आदि घाटों पर 12 लाख दीये एकसाथ जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया जायेगा। इस हेतु गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम के 25 फरवरी तक उज्जैन पहुंचने की संभावनाएं बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में एक स्थान पर सर्वाधिक दीप प्रज्वलन का रिकार्ड अयोध्या में 3 नवम्बर 2021 को 9 लाख 41 हजार 551 दीये जलाकर बनाया गया है।
दीप महोत्सव उज्जैन की कार्य योजना को अन्तिम रूप देने के लिये आज सिंहस्थ मेलाकार्यालय में कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री आशीष पाठक, कार्यपालन यंत्री श्री पीयूष भार्गव, श्री जगदीश अग्रवाल, श्री अशोक प्रजापत, श्री विशाल राजौरिया, श्री जगदीश पांचाल सहित 300 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर द्वारा विभिन्न घाटों पर दीप प्रज्वलन की सेक्टरवार जिम्मेदारी स्वयंसेवी संगठनों को सौंपी गई।
बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा कि उज्जैन शहर के लोग दीप महोत्सव से जुड़ रहे हैं, यह निश्चित रूप से अदभुत है। उन्होंने बताया कि रामघाट पर कुल 12 लाख दीपक प्रज्वलित करने का लक्ष्य है। ये सभी दीपक पांच मिनिट तक जलेंगे व इनको ड्रोन के माध्यम से केप्चर किया जायेगा। रामघाट शिप्रा नदी तट पर दोनों ओर कुल सात ब्लॉक बनाये गये हैं व 131 सेक्टर बनाये गये हैं। प्रत्येक सेक्टर में 100 वॉलेंटियर्स की नियुक्ति की जायेगी, जो दीप प्रज्वलन के लिये जिम्मेदार रहेंगे। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक वॉलेंटियर के साथ एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति भी की जायेगी, जिससे दीप प्रज्वलन के समय समन्वय बना रहे।
बैठक में स्मार्ट सिटी सीईओ श्री आशीष पाठक ने दीप महोत्सव की रूपरेखा प्रस्तुत की। श्री जगदीश अग्रवाल ने कहा कि विश्व पटल पर उज्जयिनी नगरी की ख्याति बढ़े, इस दृष्टि से दीप महोत्सव का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इस तरह के आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देने में कारगर सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इस पूरे महायज्ञ में हर व्यक्ति अपनी आहुति दे, तभी आयोजन सफल होगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि 12 हजार से अधिक स्वयंसेवकों की आवश्यकता इस कार्य के लिये पड़ रही है एवं शहर में सहयोग के लिये अभूतपूर्व उत्साह है।