विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर विद्यालय भवनों के डिज़ाइन तैयार किया जाना चाहिए। स्कूलों का डिजाइन ऐसे हो जो भविष्योन्मुखी हों, उन डिजाइंस पर बनने वाले विद्यालय भवन आगामी 50-100 वर्षों तक मजबूती से खड़े रहें।
ये भवन अध्ययन-अध्यापन की एकाग्रता में सहायक होने के साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयुक्त रहें। यह बात स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने राजधानी के जहांनुमा रिट्रीट में आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि स्कूल भवन ऐसा हो, जिससे कि विद्यार्थियों को सुरक्षा का अहसास होना चाहिए। उन्होंने सहभागिता कर रहे सभी अार्किटेक्ट्स से सीएम राइज योजना की अवधारणा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विज़न के अनुरूप सर्वसुविधायुक्त और सर्व संसाधन संपन्न विद्यालय भवनों के डिज़ाइन तैयार करने का आग्रह किया।
बता दें कि सीएम राइज़ योजना के तहत स्कूलों के सर्व सुविधायुक्त भवन निर्माण के लिए चयनित आर्किटेक्ट की इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज अंतिम दिन है। कार्यशाला में देशभर के पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन के इंपैनल्ड चयनित आर्किटेक्ट ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में लोक शिक्षण संचालनालय और राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त धनराजू एस ने सीएम राइज योजना की अवधारणा और वांछित परिणामों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में आर्किटेक्ट ने स्कूलों की डिजाइन, बिल्डिंग मटेरियल, फर्नीचर, क्वालिटी और रेट, क्लासरूम डेमो, ड्राइंग और निर्माण की समय सीमा सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। कार्यशाला में आमंत्रित सभी आर्किटेक्ट संस्थानों से सुझाव भी आमंत्रित किए गए।
इस कार्यशाला में समग्र शिक्षा अपर मिशन संचालक मनीषा सेंटिया, लोक शिक्षण संचालनालय संचालक केके द्विवेदी, अपर संचालक एवं सीएम राइज योजना के प्रभारी डीएस कुशवाह, पीआईयू पीडब्ल्यूडी प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरके मेहरा, पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन चीफ इंजीनियर आईपी पस्तोरे, बिल्डिंग डेवलपमेंट कारपोरेशन चीफ इंजीनियर पीयूष चतुर्वेदी एपको चीफ आर्किटेक्ट संध्या और चीफ आर्किटेक्ट श्रीमती विनीता वर्मा सहित देश के विभिन्न हिस्सों के आए प्रतिष्ठित 31 आर्किटेक्ट उपस्थित थे।