इंदौर में फरार व्यापारियों की संपत्ति नीलाम कर किसानों को करेंगे 2 करोड़ 74 लाख का भुगतान

इंदौर जिले के सांवेर क्षेत्र के 155 किसानों को उनकी गेहूं की उपज का भुगतान तीन वर्ष बाद भी नहीं हो पाया है। गेहूं खरीदने वाले व्यापारी फरार हैं और मंडी अधिकारी और पुलिस भी कुछ नहीं कर रही है।

किसानों के 2 करोड़ 74 लाख रुपये उलझे हुए हैं। इस मामले को लेकर किसान संगठनों ने भोपाल जाकर मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक विकास नरवाल से मुलाकात की। प्रबंध संचालक ने किसानों को आश्वासन दिया कि व्यापारियों की संपत्ति नीलाम करके किसानों को भुगतान कराएंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान एवं मजदूर सेना तथा किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक से मुलाकात की। प्रतिनिधमंडल ने उन्हेंं पिछले तीन वर्षों से 155 किसानोंं का बकाया भुगतान न होने के बारे में दस्तावेजी सबूत सौंपे। साथ ही मांग की कि बकाया का भुुुगतान मंडी निधि से किया जाए। प्रतिनिधि मंडल में रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव , शैलेंद्र पटेल और लाखन सिंह डाबी शामिल थे। मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक ने मंडी निधि से भुगतान के बारे में कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ही निर्णय ले सकती है। अतः आप को मुख्यमंत्री से इस संबंध में चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने इंदौर के मंडी सचिव नरेश परमार से कहा कि वे मुझे पूरी रिपोर्ट दें तथा वकील तय कर उनके मेहनताने का प्रस्ताव भी बनाकर भेजें।

मलाई भी खाएं और काम न करें, ऐसा नहीं चलेगा – प्रबंध संचालक नरवाल ने किसानों के बकाया 2 करोड 74 लाख की राशि की वसूली को लेकर की जा रही लापरवाही पर इंदौर मंडी के सचिव परमार एवं मंडी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के उप संचालक महेंद्रसिंह चौहान को लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि आप किसानोंं के साथ खड़े रहिए, अन्यथा निलंबन की कार्यवाही के लिए तैयार रहिए। प्रबंध संचालक ने करीब 15 मिनट तक इंदौर के मंडी सचिव परमार से फोन पर किसानों के बकाया के बारे में सवाल जवाब किए और उन्हेंं कहा आप तहसीलदार के भरोसे क्यों हैं। आपको सिविल कोर्ट में मामले को ले जाना चाहिए और किसानों के बकाया भुगतान में जो भी दिक्कतेंं आ रही उन्हें दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडी अधिकारियों का पहला कर्तव्य है कि वे किसानोंं के साथ खड़े रहें। आप मलाई भी खाएं और काम भी नहीं करें, यह नहीं चलेगा। दो दिन में अच्छा वकील कर मामले को हल करें, अन्यथा निलंबन की कार्यवाही के लिए तैयार रहें।

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