देवास से शुरू हुई पदयात्रा – सिंचाई परियोजना की स्वीकृति के लिए पैदल ही भोपाल जाएंगे, खेड़ापति मंदिर से शुरु हुआ अभियान

देवास की नर्मदा हाटपीपल्या माइक्रो सिंचाई परियोजना की जल प्रशासकीय स्वीकृति हेतु सोनकच्छ विधानसभा के सिंचाई परियोजना से छूटे हुए 65 गांव को जोड़ने के लिए हंडिया बैराज की निविदा लगाने हेतु एवं नजूल की अनुमति में आ रही कठिनाई और इनकी पेंकी प्लॉट की भवन निर्माण की अनुमति विषय को लेकर पं. दिपेश कानूनगो और पंडित रितेश त्रिपाठी मित्र मंडल द्वारा एमजी रोड़ स्थित खेड़ापति मंदिर से भोपाल तक के लिए पदयात्रा की शुरुआत आज गाजे बाजे के साथ शुरु की गई। इस दौरान कांग्रेस के कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

9 मार्च को भोपाल में मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा जाएगा। वर्षों पहले उनके द्वारा देवास में की गई घोषणाओं को उन्हें स्मरण कराया जाएगा। पंडित रितेश त्रिपाठी ने बताया कि 2019 में दिग्विजय सिंह अनुशंसा करते हुए नर्मदा देवास उद्गम परियोजना बनाई थी। सरकार बदलने पर उस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। लगातार जबसे प्रयास कर रहे थे। नर्मदा हाटपीपल्या माईक्रो सिंचाई परियोजना बने। जिसमें देवास विधानसभा व हाटपीपल्या विधानसभा और बागली विधानसभा के समस्त गांव जिसमें 65 गांव सोनकच्छ विधानसभा के छूट गए हैं। अन्य मांगों को लेकर हम खेड़ापति मंदिर सरकार के चरणों में नमन करके मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि दें। आज पदयात्रा शुरु की। इन सब मांगों को लेकर 9 मार्च को हम मुख्यमंत्री से मिलेंगे।

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