भोपाल में कर्मचारीयो ने संविदा नीति के आदेशों को प्रतियां जलाकर दर्ज कराया विरोध

प्रदेश के संविदा कर्मचारी संविदा नीति 2018 का लाभ नहीं मिलने से नाराज है। इन्होंने राजधानी भोपाल में शुक्रवार को संविदा नीति के आदेशों की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया है।

यह विरोध प्रदर्शन अरेरा हिल्स स्थित पाठ्यपुस्तक भवन के दफ्तर के सामने हुआ, जिसमें संविदा कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल ने हिस्सा लिया है। ये कर्मचारी नीति में किए गए प्रविधानों के अनुरूप लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं, जोकि 2018 में नीति के लागू होने के बावजूद नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश में इन कर्मचारियों की संख्या 1.20 लाख के करीब है।

संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि संविदा नीति 2018 में तय किया था कि संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों के वेतन का 90 फीसद वेतन भुगतान किया जाएगा। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को अब तक इसके मुताबिक वेतन भुगतान नहीं किया गया है। इसके कारण संविदा कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। महासंघ के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि राज्य शिक्षा केंद्र समेत कुछ विभागों ने संविदा नीति 2018 के अनुरूप संविदा कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के लिए वित्त विभाग को फाइलें भेजी थी, जिस पर वित्त विभाग द्वारा अब तक निर्णय नहीं लिया गया है और फाइलें अटका कर रखी है। यह भी आरोप लगाया कि इन फाइलों के संबंध में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से बातचीत की और उन्हें समस्याएं बताई हैं। दूसरे मंत्रियों को भी संविदा नीति 2018 के पालन नहीं करने के संबंध में अवगत कराया है। तब भी वित्त विभाग द्वारा फाइलों पर निर्णय नहीं लिया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यदि सभी संविदा कर्मियों को संविदा नीति 2018 के मुताबिक लाभ नहीं मिला तो आगामी दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे।

ये संविदा कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मध्यप्रदेश इकाई, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, रेशम विभाग, पंचायत विभाग, पंचायत विभाग में संचालित राष्ट्रीय योजना कार्यक्रम, मध्य प्रदेश स्टेट डेयरी कोऑपरेटिव फेडरेशन, वन विभाग समेत विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में कार्यरत हैं।

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