राजस्व वसूली में पिछड़ा भोपाल नगर निगम

हर बार की तरह इस वर्ष भी नगर निगम अमला राजस्व वसूली में पिछड़ता जा रहा है। जबकि तय राजस्व प्राप्त नहीं होने से दिनोंदिन निगम की आर्थिक व्यवस्था चरमराती जा रही है।

इन हालातों को देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी नगरीय निकायो में अधिकतम राजस्व वसूली के लोक अदालत लगाने के निर्देश दिए हैं। इसका आयोजन 12 मार्च को सभी नगरीय निकायों में किया जाना है। इसकी तैयारियों को लेकर आयुक्त केवीएस चौधरी कोलसानी ने शुक्रवार को निगम कार्यालय में सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें उन्हें लोक अदालत से संबधित दिशा निर्देश दिए गए हैं।

निगमायुक्त ने लोक अदालत शिविरों के लिए व्यापक तैयारियां सुनिश्चित करने के लिए कहा है। साथ ही समस्त वार्डों में अतिरिक्त हैंड हेल्ड डिवाइस मशीन, पीओएस मशीन, कंप्यूटर और उसके लिए आपरेटर की व्यवस्था करने को कहा गया है। मांग व देयक पत्र तामील कराने के साथ लोक अदालत का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश भी दिया गया है। इसके लिए आयुक्त ने नागरिकों से भी अपील की है। बता दें कि वर्तमान में नगर निगम 50 फीसदी राजस्व की वसूली भी नहीं कर पा रहा है। इस वर्ष निगम को 700 करोड़ रूपए की वसूली करनी थी, लेकिन वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है और अब तक 300 करोड़ की वसूली ही हो पाई है। मार्च वसूली के लिए आखिरी महीना है, ऐसे में सरकार चाहती है कि लोक अदालत के माध्यम से अधिकतम वसूली की जा सके।

400 करोड़ रुपये वसूलने के लिए लगेगी लोक अदालत

नगर निगम के 85 वार्डों में से करीब 20 वार्ड ऐसे हैं, जहां निगम के लिए राजस्व वसूलना चुनौती से कम नहीं है। दो साल पहले तक निगम हर साल करीब 260 करोड़ रूपए की वसूली करता था। लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक निगम ने रिकार्ड करीब 367 करोड़ रूपए की वसूली की थी। इस बार की बात करें तो अब तक निगम 700 करोड़ रूपए में से 310 करोड़ रूपए ही वसूल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि लोक अदालत के जरिए बचे हुए 400 करोड़ रूपए की राजस्व वसूली करने का टारगेट रखा है।

जेान व वार्ड कार्यालयों में लगाया जाएगा शिविर

निगमायुक्त ने बताया कि सभी नागरिकों से अपील की जा रही है कि वह अपने संपत्तिकर और जलदर से संबंधित प्रकरणों के अधिभार में दी जा रही छूट का लाभ उठाएं। इसके लिए शहर के सभी जोन व वार्ड स्तर के साथ आसपास के सुविधा केंद्रो पर शिविरों का आयोजन होगा। पर्यवेक्षण के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही उन्हें शत प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने को कहा गया है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles