महाकाल मंदिर में अनाथ बच्चो को ले सकेंगे गोद – कोरोना काल में अनाथ हुए 307 बच्चे चिन्हित किये ,एक बच्चे पर 2000 रुपए महीना खर्चा उठाना पड़ेगा दानदाता को

विश्व प्रसिद्द महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को अनाथ बच्चो को लिए एक काउंटर शुरू किया गया , जिसमे दानदाता अनाथ बच्चो की पढ़ाई का खर्च उठाने की जिम्मेदार लेकर उन्हें गोद ले सकेगे, इसके लिए उन्हें 24 हजार रुपए महीना खर्चा देना होगा। इसकी शुरआत आज से की गयी।

बारह ज्योतिर्लिंग में एक महाकाल मंदिर में दुनिया भर से आकर श्रद्धालु दान देते है। अब दान दाता महाकाल मंदिर में लगे काउंटर से अनाथ बच्चों का गोद कर लेकर उनका पालन पोषण कर सकेंगे। दरअसल उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर महाकाल मंदिर में एक काउंटर खोला गया है जिसमें अनाथ बच्चों की सभी जानकारी दी गयी है जिसमें उनका बैंक अकाउंट सहित बीपीएल कार्ड की जानकारी भी शामिल। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश थे 1 मार्च 2020 से 30 जून 2021 तक जिन बच्चो के माता पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो या पिता की मौत हो गयी हो और बच्चो को पालने वाला कोई नहीं है ऐसे बच्चो के सर्वे के आदेश दिए थे। सभी बच्चो को स्किम में लेना था। सर्वे में 307 बच्चे अभी भी ऐसे है जिनके लिए सुविधा दी जानी शेष थी। केंद्र से 40 बच्चो का ही पैसा आता अब जो बच्चे शेष रह गए थे उनकी पढ़ाई और अन्य खर्च के लिए 2000 रुपए प्रति माह देने के लिए महाकाल मंदिर में एक काउंटर शुरू किया है जिसमे कोई भी दान दाता अब बच्चो को गोद लेकर प्रति माह उसके एकाउंट में 2 हजार डाल सकता है।

निजी सहयोग से बच्चो को मिलेगी नयी जिंदगी

महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालु कई प्रकार का दान देते है ऐसे में दान दाताओं को अब बच्चो को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसमें दानदाता को मंदिर परिसर के काउंटर पर जाकर लिस्ट देखना होगी और 307 बच्चो में से जितने भी बच्चे गोद लेना चाहते है वो ले सकते है। इसके लिए उन्हें 2 हजार प्रति बच्चे के हिसाब से बच्चो के अकाउंट में जमा कराना होगा

निजी स्पॉन्सर शिप से बच्चो को मदद

महिला बाल विकास के अधिकारी मोहम्मद अहमद सिद्दीकी ने बताया की निजी स्पॉन्सर शिप से 307 बच्चो के तहत मदद दी जायेगी। सभी 307 बच्चे सर्वे में मिले है और बीपीएल धारक है , 18 वर्ष से कम उम्र के वे सभी बच्चे जिनके माता पिता की कोरोना काल में मौत हुई हो। ऐसे सभी बच्चो के लिए मंदिर समिति ने अनाथ बच्चों के पालन पोषण के लिए एक काउंटर लगाया है

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