उज्जैन आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से 36 दिन पहले चोरी हुआ रेप पीडि़ता के नवजात बच्चा जल्द मिल सकता है। शर्त यह है कि पुलिस आरोपी को जेल नहीं भेजेगी। यह शर्त पुलिस के सामने पीडि़ता के परिजनों ने रखी है। वजह बच्चा उन्हीं के पास है। यहीं वजह है पुलिस ने बच्चे के लिए अस्पताल में कमरा आरक्षित कर लिया है।
दरअसल उज्जैन के आगर रोड़ स्थित मेडिकल कॉलेज से 30 जनवरी तड़के 4 बजे रेप पीडि़ता का बच्चा चोरी हो गया था। इस सनसनीखेज घटना में काफी पड़ताल के बाद पुलिस को शक हो गया था कि बच्चा पीडि़ता के पीडि़ता के परिजन ही ले गए। पुख्ता प्रमाण मिलने पर पुलिस दल 5 मार्च की रात पीडि़ता के घर देवास स्थित बागली भी पहुंच गया। वहां बच्चा नहीं मिला, लेकिन पुलिस कार्रवाई देख परिजनों ने बच्चा उनकी जानकारी में होने की बात मान ली पर शर्त रखी कि बच्चा सौंपने वाले को जेल नहीं भेजा जाएगा। पुलिस ने उनकी बात मानना तय कर लिया,जिसके चलते बच्चा जल्द मिलने की उम्मीद है। यहीं वजह है पुलिस ने बच्चे के लिए चरक हॉस्पिटल में रुम तक आरक्षित कर लिया।
पीडि़ता ने इसी डर से छोड़ा था घर
रेप पीडि़ता को बच्चा होने पर उसके अनिष्ठ को लेकर डर था। इसलिए उसकी मांग पर उसे उज्जैन के बालिका सुधार गृह भेज दिया था। यहां से डिलवेरी के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया फिर मेडिकल कॉलेज रैफर किया था,जहां उसने 27 जनवरी को बालक को जन्म दिया था। यहां उसके माता पिता पहुंचे थे और इसी के बाद बच्चा गायब हो गया था।
आरोपी को नहीं भेजेंगे जेल
टीआई जितेंद्र भास्कर ने बताया कि बच्चा सुरक्षित है और बागली गांव में हो सकता है। संबंधितों से चर्चा हो गई है। बच्चा जल्द मिल सकता है। बच्चा चोरी होने पर धारा 363 के तहत केस दर्ज है। प्रकरण में सात साल से कम सजा का प्रावधान है इसलिए जो भी आरोपी मिलेगा उसे जेल नहीं भेजा जाएगा। याद रहे एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बच्चे या चोर का पता बताने वाले को 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था।