उज्जैन में सेवाधाम आश्रम ही सहारा – दरिंदगी के बाद टूटी तो हौसले से फिर खड़ी हो गई, अब कंधे से कंधा मिलाकर समाज की मुख्यधारा में बढ़ रहीं आगे

उज्जैन के अंकित ग्राम स्थित सेवाधाम आश्रम। यहां समाज और व्यवस्था की ठुकराई हुई महिलाओं को आश्रय दिया जाता है। आश्रम में दुष्कर्म पीड़िता, लावारिस, पति व परिवार से परेशान महिलाएं रह रही हैँ। ये महिलाएं अपनी इच्छाशक्ति के बलबूते साथ रहकर नई जिंदगी जी रही हैं।

आश्रम में कई ऐसी महिलाएं हैं, जिनके साथ अपनों ने अत्याचार किए। दुष्कर्म पीड़ित कुछ नाबालिग भी हैँ, उन्होंने आश्रम परिसर में ही बच्चों को जन्म दिया। इनमें से कुछ जीवन को आगे बढ़ाकर शिक्षा के क्षेत्र में योग्यता हासिल कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का प्रयास कर रही हैं। कुछ आश्रम में ही सेविका बनकर अपने जैसी महिलाओं और बच्चों की देखभाल कर रही है। यह महिलाएं न सिर्फ आश्रम की दैनिक गतिविधियों में भाग ले रही हैं, बल्कि सेवाधाम आश्रम के संरक्षण में रहकर दुराचारियों जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी हैं। यहां वर्तमान में 405 महिलाएं व बालिकाएं मौजूद हैं।

नाबालिग मां अब देखरेख कर रही है

आश्रम का एक वार्ड महज 14 साल की उम्र में दरिंदगी की शिकार लड़की भी रह रही है। आदिवासी बालिका पिछले पांच सालों से सेवाधाम आश्रम में रह रही है। वह आश्रम के नवजाताें के वार्ड को संभाल रही है। वार्ड में उसके जैसी 37 महिलाएं अपने बच्चों के साथ रहती है।

चाचा की हवस का शिकार बनी लड़की

विदिशा में पढ़ाई में अव्वल लड़की के माता-पिता की मौत के बाद चाचा ने आबरू छीन ली। वह मानसिक रूप से दिव्यांग हो गई। कई काउंसलिंग के बाद वह संभली। पढ़ाई जारी रखी। 2021 में माध्यम शिक्षा मंडल के 12वीं में 5 में से 4 सबजेक्ट्स में विशेष योग्यता हासिल की। वह अब आत्मविश्वास से लबरेज है। आगे पढ़ने के साथ सेवाधाम आश्रम में कांता के सहयोग से कम्प्यूटर प्रशिक्षण व सिलाई, केयर टेकिंग व आश्रम की दैनिक दिनचर्या में सहायता कर रही है।

सेवाधाम में भारतभर की महिलाएं

राष्ट्र आश्रम में असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, बांग्लादेश, कोलकाता, उत्तरप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरला, चेन्नई, छत्तीसगढ़, बिहार की महिला निवास कर रही है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles