गेहूं की आवक में तेजी होने के बाद भी भाव 300 रुपए क्विंटल बढ़े, रूस और यूक्रेन दुनिया भर के बड़े सप्लायर

रूस और यूक्रेन के युद्ध का असर इन दोनों देशों में ही नहीं हो रहा है, बल्कि कई देश इससे प्रभावित हो रहे हैं। दुनिया भर का 30 प्रतिशत गेहूं सप्लाई करने वाले यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते भारत में भी गेहूं के दाम आसमान छूने लगे है।अमूमन गेहूं की आवक के समय गेहूं के दाम कम हो जाते हैं। उज्जैन चिमनगंज मंडी में बीते एक हफ्ते में गेहूं के दामों में एक दम उछाल देखने को मिला। एक साथ 250 से 300 रुपए तक भाव बढ़ गए। संभाग की सबसे बड़ी मंडी में जो गेहूं 20 फरवरी को 1700 रुपए क्विंटल था। गुरुवार को उसका रेट 500 रुपए बढ़कर 2250 हो गया है। रूस और यूक्रेन के बिच चल रहे युद्ध में दुनिया को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है

किसानो को इससे फायदा

गेहूं के तीन दिन में आवक के साथ 300 रुपए तेज हुए भाव। उज्जैन की चिमनगंज मंडी में बीते तीन दिनों से रोजाना 10 से 12 हजार क्विंटल गेहूं की बम्पर आवक हो रही। मिल का गेहूं ​​​​​​​ 1700 रुपए किवंटल में बिक रहा था। आज गेहूं ​​​​​​ 2250 रुपए क्विंटल बिक रहा है। इस तेजी की वजह रूस और यूक्रेन युद्ध है।

मंडी के जानकार राजेंन्द्र राठौर ने बताया की बीते 4 दिनों में गेहूं की आवक बढ़ गई है। भारत से हल्का माल तीन नंबर गेहूं ​​​​​​ का एक्सपोर्ट होता है। वहीं एक नंबर और दो नंबर गेहूं की खपत इण्डिया में ही हो जाती है। 10 से 12 हजार क्विंटल की आवक के बीच बाजार में रुझान था की आवक बढ़ रही है तो भाव कम होंगे लेकिन अंतर्राष्टीय बाजार में निर्यात खुल जाने के बाद गेहूं के दाम अचानक बढ़ गए।

किसानो को फायदा

दुनिया में 30 प्रतिशत गेहूं ​​​​​​​रूस और यूक्रेन सप्लाई करता है, जो को अब जाम हो गया। व्यापारी निमेष अग्रवाल ने बताया की गेहूं का विश्व बाजार में सप्लाई नहीं होने से एक्पोर्टर ने रुख इंडिया की और किया है। जिसके कारण इंडिया का बाजार तेज हो गया। और अब इससे भारत को फायदा भी मिलेगा। हालांकि आम लोगो तक पहुंचने वाले गेहूं के दाम जरूर बढ़ गए है। मील के गेहूं के दाम 300 रुपए बढ़ गए जो की कल तक 200 तेज थे। बीते सप्ताह तक एक नंबर गेहूं ​​​​​​​2500 दो नंबर 2300 और तीन नंबर 2250 में मिल रहा है। तीनों किस्म के गेहूं में अंतर मात्र 150 रुपए का है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ की सीजन होने के बाद भी 300 रुपए तेजी आ गई। इससे उन किसानों को फायदा हो रहा है जो अब अपनी फसल बेचने आ रहे है।

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