उज्जैन। सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा संचालित सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना, उज्जैन द्वारा आजादी का ‘अमृत महोत्सव पर ग्राम पंचायत स्तरीय सहकारी सम्मेलन कृषि सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, दताना की ग्राम पंचायत सेमलिया नसर में एक दिवसीय जागरूकता शिविर सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि सांसद अनिल फिरोजिया ने ग्राम विकास एवं शहर विकास की योजनाओं की जानकारी उज्जैन विकास के साथ सहकारिता के माध्यम से किसान उत्पादक संगठन एवं व्यावसायिक गतिविधियाँ किस प्रकार की जाएं एवं सरकार द्वारा क्षेत्र में किए जा रहे सार्थक प्रयासों के साकार होने पर उज्जैन के शहरी एवं ग्रामीण परिवर्तनों की उपलब्धियों से अवगत कराया।
विशिष्ट अतिथि वक्ता आचार्य शैलेंद्र पाराशर ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व अर्पित कर स्वतंत्रता का अमृत उपलब्ध कराया है। उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना हमारा कर्तव्य एवं दायित्व है। समाज में सहकारिता से समृद्धि को प्राप्त किया जा सकता है।
विषय विशेषज्ञ डॉ. अमित मुदगल संकाय सदस्य सहकारी प्रबंध संस्थान, भोपाल ने सहकारिता की व्याख्या के साथ ही सहकारिता ग्रामीण क्षेत्र में किस प्रकार कार्य करती है। ग्रामीण एवं संस्था सदस्य लाभ कैसे ले सकते हैं? वर्तमान समय में कंप्यूटर एवं प्रौद्योगिकी क्रांति का लाभ सहकारिता के क्षेत्र में ले सकते हैं। इसकी सविस्तार से जानकारी दी।
विशेष अतिथि योगेंद्र सिंह सिसोदिया पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी संघ, उज्जैन ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता के माध्यम से कृषक अपनी आय दुगनी कर सकते हैं। सहकारिता ही ऐसा माध्यम है, जो सबको साथ-साथ मिलकर काम करने का अवसर देता है। इसका लाभ उठाते हुए देशवासियों को उत्तरोत्तर उन्नति करना चाहिए।
विशेष अतिथि राजपाल सिंह पूर्व संचालक अपेक्स बैंक ने ग्रामीणों को सहकारिता मे संस्थाएं कितने प्रकार की होती है? सहकारिता में कितने स्तर होते हैं? इस पर सविस्तार समझाते हुए सहकारिता के सफल मॉडलों का उल्लेख किया। कृषक एवं सहकारी संस्था के सदस्यों से आह्वान किया कि हमें भी सहकारिता का सफल मॉडल जिले में बनाने के सक्रिय प्रयास करने चाहिए। परियोजना अधिकारी चन्द्रशेखर बैरागी ने अपने स्वागत भाषण, ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यक्रम रूपरेखा, अतिथि एवं प्रतिभागियों का परिचय दिया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. शर्मा निर्देशक कृषि विज्ञान केंद्र, उज्जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसान भाइयों को आय दुगना करने के लिए एफपीओ एवं किसान क्लब बनाकर शासकीय योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। वहीं फसल चक्र समझ कर अपनी उपज को उचित भंडारण कर समय पर बिक्री करने से अच्छा मूल्य प्राप्त होता है। वर्तमान समय में समूह में कार्य की आवश्यकता है, क्योंकि अब अधिकांश सीमांत एवं लघु कृषक ही हैं। वर्तमान समय में इसे अपनाने की जरूरत है, जिससे किसान भाई उत्तरोतर वृद्धि कर कृषि का व्यवसायीकरण कर सकते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर सुतमाला एवं पुष्पार्पण कर किया। अतिथियों का स्वागत गाँव के वरिष्ठजन अजब सिंह, दूले सिंह, गुलाब सिंह ने किया। संचालन प्रेम सिंह झाला सहकारी शिक्षा प्रेरक ने किया।