तालाब की जमीन का मद बदली और फिर उसे टुकड़ों में बांटकर बेचना शुरू कर दिया। मामले की शिकायत मिलते ही कलेक्टर ने मद परिवर्तन के आदेश को खारिज कर दिया है।
दरअसल कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कलेक्टर न्यायालय में की गई एक अपील पर फैसला देते एसडीएम सिहोरा के मद परिवर्तित एक आदेश को रद कर दिया। कलेक्टर न्यायालय ने मामले की सुनवाई को दौरान सभी पक्ष और दस्तावेजों की जांच करने के बाद यह माना कि गोसलपुर के रामसागर तालाब के खसरा नंबर 487-1 के 7.40 हेक्टेयर जमीन एसडीएम सिहोरा आशीष पांडे ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही मद परिवर्तन की। इस आदेश को कलेक्टर ने जनहित देखते हुए निरस्त कर दिया है। इस भूमि को शंकर मंदिर बाबा रामदास समाधि ट्रस्ट सरवराहकर नेतूबाई को प्रबंधक के रूप से पुन: दर्ज करने के निर्देश भी दिए।
दरअसल एसडीएम सिहोरा ने बताया कि राघवेन्द्र पालीवाल ने तालाब का रकबा को कम करने का आवेदन किया। इस पर 16 नवम्बर 2021 को आदेश देते हुए गोसलपुर स्थित इस भूमि में से दो हेक्टेयर भूमि पर रकवा कम करने का आदेश पारित किया गया। इस आदेश के खिलाफ गोसलपुर जनसेवा समिति के पदाधिकारियों द्वारा कलेक्टर न्यायालय में अपील की गई। अपील में भूमि के बेचे जाने पर कलेक्टर द्वारा रोक लगाने की अपील की। इस दौरान न्यायालय को अपीलार्थी ने बताया गया कि ग्राम पंचायत गोसलपुर में इस तालाब के अतिरिक्त कोई अन्य तालाब नहीं है। ग्राम वासी निस्तार के लिए इस तालाब का ही उपयोग करते है। यह तालाब 50 वर्ष पूर्व से यहां पर हैा जो की जल स्त्रोत की मद में दर्ज है। इसमें प्रबंधक के रूप में जिला कलेक्टर जबलपुर का नाम भी दर्ज था। इस मामले की सुनवाई के दौरान कलेक्टर ने सभी पक्षों को गंभीरता से सुना और उन्होंने एसडीएम के पूर्व में लिए गए मद परिवर्तन के आदेश को रद कर दिया