उज्जैन के सरकारी चरक हॉस्पिटल से एक मासूम बच्चे को चुराने का प्रयास हुआ है। अपने कुपोषित बच्चे का ईलाज करा रही महिला ने यहीं भर्ती सात माह के बच्चे को देर रात आधा घंटे तक टायलेट में बंद रखा। हालांकि बच्चे के रोने से मामले का खुलासा हो गया। जानकारी मिलने के बाद बुधवार को कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू की है।
आगर रोड स्थित चरक हॉस्पिटल के वार्ड एनआरसी में मायापूरी निवासी पूजा पति जितेंद्र सिंह चौहान का छह माह का पुत्र अनमोल कुपोषण के कारण भर्ती है। यहीं पर अंबोदिया डेम स्थित ग्राम अजनोती की संगीता पति राकेश भी अपने बच्चे का ईलाज करवा रही है। दोनों एक ही वार्ड में होने के कारण मामूली विवाद हो गए थे इस बीच मंगल-बुध की रात करीब एक बजे जब पूजा सोई थी। संगीता उसके पुत्र अनमोल को उठा ले गई और टायलेट में बंद कर दिया। करीब 1.30 अनमोल जोर से रोने लगा तो संगीता ने पड़ोस की अन्य महिला को बताया, जिसके बाद बच्चे को निकाला। शंका होने पर संगीता से पूछताछ हुई तो उसने बच्चे को बंद करना कबूल कर लिया।
पिता के कारण चुराया बच्चा
संगीता ने कबूला कि अनमोल के पिता ने उससे 10 रुपए मांगे थे। उसने अनमोल के परिजनों पर बूरी नियत से देखने का भी आरोप लगाया और कहा कि बच्चा रो रहा था इसलिए उसने उसे टॉयलेट में बंद कर दिया। मामले में जांच के लिए पहुंचे एएसआई चंद्रभानसिहं चौहान पहुंचे। वार्ड में सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से उन्होंने भर्ती बच्चों के परिजनों के बयान लिए। कहा कि पुख्ता जांच के बाद कार्रवाई तय होगी।
कार्रवाई की मांग
अनमोल की बुआ संतोष कुंवर ने संगीता पर गंभीर आरोप लगाए। दावा किया कि उसने जानबूझकर उसके भांजे के अपहरण का अपहरण किया अगर बच्चा रोता नहीं तो शायद उसका ईरादा कुछ ओर हो सकता था इसलिए वह केस दर्ज कर संगीता को सजा दिलाना चाहते है।
चिमनगंज पुलिस भी सक्रीय
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से 30 जनवरी को चोरी हुआ रेप पीडि़ता का बच्चा काफी प्रयास के बाद भी अब तक नहीं मिला। यहीं वजह है कि चरक में बच्चा चोरी मामले में महिला के पकड़ाने का पता चलते ही चिमनगंज थाने के एसआई करण कुंवाल ने चरक पहुंचकर पड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने भी पीडि़ता और आरोपी महिला से पूछताछ की, लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली।