यात्रियों के हमदर्द बनने का सबक सीख रहे 85 हजार रेलकर्मी

अब ट्रेन में शौचालय गंदा है, पानी खत्म हो गया है, एसी नहीं चल रहा है, जैसी शिकायतों पर यात्रियों को गोल-मोल जवाब नहीं मिलेंगे। उनकी शिकायतें शालीनता से सुनी जाएंगी और गंभीरता से निराकरण कराया जाएगा।

स्टेशन पर प्रवेश करने से लेकर यात्रा खत्म होने तक आने वाली परेशानियों पर उल्टा जवाब देने के बजाए रेलकर्मी खुद को यात्रियों की जगह रखकर उनका दर्द समझते हुए इनका निराकरण कराएंगे। रेलवे इसके लिए देश के 85 हजार फ्रंट डेस्क रेलकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दे रहा है। इसमें भोपाल रेल मंडल के 1200 रेलकर्मी शामिल है। भोपाल रेल मंडल में प्रशिक्षण की शुरूआत हो गई है। डीआरएम दफ्तर में पहले चरण के प्रशिक्षण में 35 रेलकर्मियों को यात्रियों से सभ्य व शालीन व्यवहार करने के तरीके बताए हैं।

दरअसल, स्टेशन परिसर एवं ट्रेनों के अंदर कई बार रेलकर्मियों के द्वारा यात्रियों से कठोर व्यवहार करने की शिकायतें मिलती हैं। ऐसे मामलों में यात्री नाराज होकर टि्वटर समेत अन्य माध्यमों के जरिए शिकायत करते हैं। यात्री खुद तो परेशान होते ही हैं, रेलवे की छवि पर भी असर पड़ता है।

रेलवे ने इस समस्या को हल करने के लिए ‘रेल कर्मयोगी’ योजना शुरू की है। इसके तहत फरवरी 2022 में लखनऊ स्थित इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट आफ ट्रैफिक मैनेजमेंट में चिन्हित रेलकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है। इसमें भोपाल रेल मंडल के 16 रेलकर्मियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें वाणिज्य विभाग के 11 व परिवहन विभाग के पांच रेलकर्मी शामिल है। इन्हें आनलाइन व प्रत्यक्ष प्रशिक्षण देकर मंडल के 1200 रेलकर्मियों को प्रशिक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है।

अभी कई मामलों में यह होता है जवाब

यात्री:- टीटीई साहब ट्रेन का शौचालय गंदा है, बच्चे परेशान हो रहे हैं। दूसरे कोच में जाना पड़ रहा है। महिलाएं परेशान हो रही हैं। साफ करवा दीजिए।

टीटीई के जवाब:- मैं क्या करूं, यह मेरा काम नहीं है। ट्रेन में सफाई वालों को खोजिए, उनसे शिकायत कीजिए। ज्यादा ही है तो रेलवे को शिकायत कर दीजिए। हालांकि अनेक मामलों में टीटीई आगे आकर मदद भी करते हैं।

प्रशिक्षण के बाद यह होगा टीटीई का जवाब:- महोदय आप चिंता न करें। मैं ट्रेन में सफाई वालों को देखता हूं। उन्हें आपके कोच में भेजकर शौचालय साफ करने को कहता हूं। यदि ट्रेन में कोई कर्मचारी उपलब्ध नहीं होगा तो अगले स्टेशन को संदेश देता हूं, स्टेशन आते ही शौचालय साफ होगा। तब तक आप मुझसे संपर्क में रहें। मैं खुद भी आपको सूचित करने की कोशिश करूंगा।

इसी तरह रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर, पूछताछ काउंटर, सामान्य टिकट काउंटर समेत प्रत्येक स्थान पर आने वाली समस्याओं के बारे में संबंधित रेलकर्मियों द्वारा आगे बढ़कर निराकरण कराया जाएगा।

इन्हें किया जा रहा प्रशिक्षित:- स्टेशन प्रबंधक, उप स्टेशन प्रबंधक वाणिज्य, मुख्य बुकिंग सुपरवाइजर, ट्रेन ड्राइवर, ट्रेन मैनेजर, बुकिंग क्लर्क, पार्सल क्लर्क, टीटीई आदि ऐसे रेलकर्मी जो यात्रियों से सीधे संपर्क में रहते हैं।

ये हैं विशेष प्रशिक्षक:- वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक प्रियंका दीक्षित ने बताया कि दीपक उपाध्याय, अनिल नायर, पीएम मीणा, आशीष चंद्रवंशी, विकास जैन, विकास अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल, फ्रांसी चाको, धीरेंद्र कुमार, प्रकाश सिंह ठाकुर, महेंद्र नरवरिया सहित परिवहन विभाग के पांच रेलकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो मंडल के रेल कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे।

यह सिखाया जा रहा

मुख्य प्रशिक्षक दीपक उपाध्याय व अनिल नायर ने बताया कि किसी भी शिकायत व पूछताछ पर गैरजिम्मेदारी पूर्वक जवाब नहीं देने की सीख दी जा रही है। यदि यात्री तनाव में है या उनके बोलने का अंदाज ठीक नहीं है, तब भी उनके साथ सभ्य व्यवहार किया जाएगा। हरसंभव उन्हें संतुष्ट कराने की कोशिशें की जाएंगी। रेलवे से जुड़ी हर मुश्किलों को दूर कराया जाएगा। दूसरी वाजिब शिकायतों व समस्याओं के निराकरण कराने में भी माध्यम बनने के तरीके बताए जा रहे हैं।

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