मजदूर की बेटी ने निकाला देश का सबसे कठिन एग्जाम – रीवा की बिटिया बोली- काम नहीं होने पर भी पिता ने पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी, यूट्यूब से पढ़कर क्लियर किया GATE

रीवा के छोटे से गांव लौरी नंबर-3 की रामकली कुशवाहा ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। मजदूर मां-बाप की बेटी ने देश के सबसे कठिन एग्जाम में से एक GATE (Graduate Aptitude Test in Engineering) को पास कर दिखाया। बेटी के मजबूत इरादों को गरीब मां-बाप के संघर्षों ने पंख दिए। दोनों मेहनत-मजदूरी कर बेटी को आगे बढ़ा रहे हैं। मजदूर परिवार का घरौंदा भले ही कच्चा है, लेकिन इरादे मजबूत है।

रामकली ने बताया कि पापा चंद्रिका कुशवाहा और मम्मी प्रेमवती कुशवाहा ने कच्चे मकान में रहकर जीवन काट दिया, लेकिन उसे और भाई-बहन को पढ़ाने में कोई कमी नहीं रखी। उसने बताया कि आगे वो IIT मुंबई से एम-टेक करना चाहती है।

भाई-बहनों में रामकली सबसे बड़ी

चार भाई-बहनों में रामकली सबसे बड़ी हैं। उनका एक भाई 12वीं में है और बहन 9वीं में है, तो सबसे छोटा भाई 5 साल का है। रामकली ने बताया उन्होंने 12th तक की पढ़ाई गांव के अलग-अलग स्कूल्स में की। फिजिक्स टीचर समीर वर्मा ने बीटेक करने की प्रेरणा दी। जिसके बाद कृष्णा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (मनगवां) में एडमिशन ले लिया। कॉलेज 30 किलोमीटर दूर था, तो रोज बस से अप-डाउन करती थी।

सालभर बाद कॉलेज बंद होने पर ट्रांसफर रीवा के जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में हो गया। यह कॉलेज 60 किलोमीटर दूर था। तब भी रोजाना अप-डाउन किया। एक तरफ का किराया 50 रुपए था। बीटेक सिविल इंजीनियरिंग के दो साल अप-डाउन कर कम्प्लीट किए। कोरोनाकाल में घर से पढ़ाई की।

खाली समय में एग्जाम की तैयारी की

घर में थी तो लगा खाली समय का सदुपयोग करना चाहिए। मन में GATE एग्जाम देने की ख्वाहिश जागी। पापा ने लैपटॉप दिला दिया। ये वो वक्त था, जब पिता को काम नहीं मिल रहा था। मोबाइल और लैपटॉप पर यूट्यूब के जरिए तैयारी की। दो साल दिन-रात एक कर दिए।

तीन स्कूलों से की पढ़ाई, पिता को नाज

पिता चंद्रिका कुशवाहा ने बताया कि बिटिया बचपन से होनहार है। क्लास 1 से 4 तक की पढ़ाई सरस्वती ज्ञान मंदिर, गढ़ में की। फिर 8th तक की पढ़ाई आदर्श स्वामी विवेकानंद माध्यमिक विद्यालय, लौरी नंबर 2 से की। इसके बाद 12th तक की पढ़ाई गांधी ग्रामोदय हायर सेकेंडरी स्कूल, गढ़ से पूरी की।

17 मार्च को आए रिजल्ट में पाई 435वीं रैंक

17 मार्च को GATE का रिजल्ट आया था। जिसमें रामकली ने सिविल इंजीनियरिंग में 3290 ऑल इंडिया रैंक और एनवायरमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग में 435वीं रैंक पाई। 23 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद रामकली से बात की। शिवराज ने कहा कि आगे की एम-टेक की पढ़ाई में राज्य सरकार पूरी मदद करेगी।

रामकली बोलीं- बिना प्लानिंग पढ़ना, खुद से धोखा

GATE की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को रामकली ने सक्सेस टिप्स दिए। उनका मानना है कि तैयारी करने के लिए हर दिन का अलग टाइम टेबल बनाना चाहिए। यह टाइम मैनेजमेंट ही आगे बढ़ने में मदद करता है। बिना प्लान किए पढ़ाई करना खुद को धोखा देने जैसा है। पहले कॉन्सेप्ट क्लियर कर लें, इसके बाद न्यूमेरिकल प्रैक्टिस करें। साथ ही GATE की p bye q लगाएं। इससे कॉन्फिडेंस बढ़ता है। ​हर दिन दो या तीन सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई करें, क्योंकि एक सब्जेक्ट पढ़कर आप बोरियत महसूस करेंगे। जो सब्जेक्ट कम्पलीट हो जाए, उसका रिवीजन जरूर करते रहें।

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