विश्व स्वास्थ्य दिवस – आपके मन और शरीर के लिए प्रभावी ध्यान अभ्यास


दुनिया भर में 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। पिछले दो वर्षों से पूरा विश्व कोरोना महामारी के प्रभाव से जूझ रहा है, ऐसे में इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। आज ही के दिन साल 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना हुई थी।
आज भले ही कोरोना वाइरस के खिलाफ वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन कोरोना के नये वेरिएंट स्थिति को पलट सकते हैं। स्वास्थ्यविदों के अनुसार आपकी प्रतिरोधक शक्ति ही कोरोना जैसे रोगों के लिए दूरगामी उपचार है।
चूंकि इस दौरान लोग बाहरी गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहते, इसलिए घर बैठे ही ऑनलाइन ध्यान अभ्यास सीखने का चलन बढ़ा है। आज हम आपको एक अनोखे साधना अभ्यास के बारे में बताएँगे जो कोरोना काल में ऑनलाइन वेबिनार के द्वारा लोगों में बहुत प्रचलित हुआ है और प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के कारगर है।
हम आपका परिचय फालुन दाफा (या फालुन गोंग) से कराना चाहेंगे जो मन और शरीर का एक उच्च स्तरीय साधना अभ्यास है। फालुन दाफा में पांच सौम्य और प्रभावी व्यायाम सिखाये जाते हैं, किन्तु बल मन की साधना या नैतिक गुण साधना पर दिया जाता है।
ये व्यायाम व्यक्ति की शक्ति नाड़ियों को खोलने, शरीर को शुद्ध करने, तनाव से राहत और आंतरिक शांति प्रदान करने में सहायता करते हैं। मन और शरीर का एक परिपूर्ण अभ्यास होने के कारण लोगों को कम समय में ही आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
इस अभ्यास से बहुत से लोग अनेक स्वास्थ्य सुधारों का अनुभव करते हैं जैसे बेहतर नींद, कम तनाव, ऊर्जा में वृद्धि, चिड़चिड़ेपन में कमी, पाचन में सुधार, आदि। अनेक लोगों को कैंसर, मधुमेह, हेपेटाइटिस और हृदय रोग जैसे रोगों में लाभ हुआ है। बहुत से लोग बताते हैं कि अभ्यास से उनकी धूम्रपान करने की इच्छा कम हो गई और वे तंबाकू और अन्य व्यसनों को छोड़ पाए।
फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां कम्युनिस्ट शासन द्वारा इसका दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है। जबकि आज यह अभ्यास 100 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों में लोकप्रिय है। भारत में भी इसका अभ्यास सभी मुख्य शहरों में किया जा रहा है।
मुंबई के फैशन और फिल्म जगत से जुड़े अनेक लोग फालुन दाफा का अभ्यास कर रहे हैं। अपने भाग-दौड़ भरे व्यस्त जीवन में वे इस अभ्यास द्वारा शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति का लक्ष्य पा सके हैं। पूरे देश में फालुन दाफा को अनेक स्कूल, कॉलेज, कॉर्पोरेट ऑफिस, NGO, पुलिस अकादमी और कारागारों में भी सिखाया गया है।
फालुन दाफा को पूरी तरह नि:शुल्क सिखाया जाता है। यदि आप भी इस अभ्यास को सीखने के इच्छुक हैं तो www.learnfalungong.in पर इसके नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। फालुन दाफा के बारे में अधिक अधिक जानकारी आप www.falundafaindia.org पर पा सकते हैं।

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