यूक्रेन से वापस लौटे विद्यार्थियों से इंदौर में मिले केंद्रीय मंत्री सिंधिया

युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन से केंद्र सरकार भारतीय विद्यार्थियों को तो सुरक्षित लौटा लाई, लेकिन यूक्रेन के लोग इन विद्यार्थियों के प्रति बैरभाव रख रहे हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है भारत का रुख रूस के पक्ष में है। नतीजतन भारतीय विद्यार्थियों को आनलाइन कक्षाओं में पढ़ाने से इन्कार तक किया जा रहा है। ऐसे में यूक्रेन से इंदौर लौटे एमबीबीएस के विद्यार्थियों ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से शनिवार को इंदौर विमानतल पर मुलाकात कर अपनी चिंताएं और सरकार से उम्मीदें साझा कीं। विद्यार्थी अब दोबारा यूक्रेन लौटना नहीं चाहते और प्रदेश में ही आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं। सिंधिया ने कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर इस विषय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा करेंगे।

यूक्रेन के विनिक्सा में इंदौर की ग्रेसी अरोरा दूसरे वर्ष की छात्रा थी। उन्होंने बताया कि हमें वहां की यूनिवर्सिटी आनलाइन नहीं पढ़ा रहीं है क्योंकि उन्हें लगता है भारत का रुख रूस की ओर है। इसलिए वहां के लोग और शिक्षक नाराज हैं। हमने केंद्रीय मंत्री सिंधिया को बताया कि सरकार हमें सुरक्षित तो लौटा लाई है, लेकिन अब शिक्षा अधूरी है। हमें प्रदेश में ही आगे की पढ़ाई कराई जाए।

विद्यार्थियों को दिया भरोसा – चौथे वर्ष की छात्रा डिंपल पथरोड़ ने बताया कि हम दोबारा यूक्रेन नहीं लौटना चाहते। कई अन्य प्रदेशों ने विद्यार्थियों को स्थानीय कालेजों में प्रवेश दिया है। ऐसा ही हमें भी मिले। सिंधिया ने विद्यार्थियों को भरोसा दिलाया कि वे इस बारे में व्यक्तिगत तौर पर शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा करेंगे। सरकार सभी विद्यार्थियों के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, मधु वर्मा, गौरव रणदिवे, राजू सिंह चौहान, सौगात मिश्रा आदि मौजूद थे। यहां से सिंधिया इंदौर में एक विवाह समारोह में शामिल हुए और सड़क मार्ग से राजगढ़ चले गए।

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