उज्जैन। मंगलवार को अंगारकी चतुर्थी होने से आज देश भर से हजारों श्रद्धालु महामंगल मंगलनाथ और श्री अंगारेश्वर मंदिर पर पहुंचकर भात पूजा करेंगे। वैसे तो प्रति मंगलवार दोनो ही स्थानों पर भात पूजा करने का महत्व है, लेकिन भौम प्रदोश और अंगारकी चतुर्थी पर यहां पूजन का महत्व बढ़ जाता है। देश भर से श्रद्धालु यहां मंगल दोष निवारण के लिए पूजन-अभिषेक और भात पूजा कराते है।आज मंगलवार को श्री मंगलनाथ मंदिर और शिप्रा नदी के तट स्थित श्री श्री अंगारेश्वर मंदिर में देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचकर पूजन-अर्चन कर भात पूजा करेंगे। मान्यता है कि मंगलवार को चतुर्थी होने से दोनो ही स्थानों पर पूजन कराने सभी कष्टों का निवारण होता है साथ ही मन चाहा वर भी मिलता है। वैशाख मास में भगवान शिव को जल अर्पण करने का अधिक महत्व है। ऐसे में चतुर्थी पर भगवान मंगलनाथ और श्री श्री अंगारेश्वर महादेव को जल अर्पण के पश्चात् पूजन कार्य कराया जाता है तो इसका दोगुना फल प्राप्त होता है।
मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से बढ़ जाता है महत्व
भारतीय परंपरा के अनुसार, चंद्र मास में दो बार चतुर्थी पड़ती है। भगवान गणेश का जन्म चतुर्थी तिथि को हुआ था इसलिए यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। चतुर्थी तिथि मंगलवार को पड़ जाए तो उसे अंगारकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार अंगारकी चतुर्थी वैशाख मास के दौरान मंगलवार को है।