प्री-मानसून की बारिश ने मध्यप्रदेश को भीषण गर्मी से राहत दे दी। तेज हवाओं ने जहां रीवा, जबलपुर और मैहर में जमकर तबाही मचाई, तो ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल समेत आधे मध्यप्रदेश में मौसम में हल्की सी ठंडक ला दी। ये वही इलाके हैं, जहां सबसे ज्यादा गर्मी पड़ रही थी। अभी तक भट्टी सा तप रहे ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल में प्री-मानसून की रिमझिम ने गर्मी के तेवर नरम कर दिए।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि बुधवार से आसमान साफ हो जाएंगे। दो दिन तक तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि यह बहुत ज्यादा नहीं होगी। दिन का पारा 40 के आसपास रह सकता है। नया सिस्टम 27-28 मई से एक्टिव हो जाएगा। इसके बाद फिर बारिश का दौर शुरू होगा। इस दौरान ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा और सागर और उसके आसपास इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। इंदौर को अभी प्री-मानसून की बारिश के लिए कम से कम एक सप्ताह इंतजार करना होगा।
तीन सिस्टम के कारण चली तेज हवाएं
अभी जम्मू-कश्मीर में एक सिस्टम बना हुआ है। राजस्थान से अरब सागर तक ट्रफ लाइन बनी हुई है साथ ही झारखंड के ऊपर चक्रवाती घेरा होने के कारण ग्वालियर-चंबल, सागर, जबलपुर, रीवा और सतना में तेज हवाएं चलीं। इसी के चलते जबलपुर में आंधी-बारिश से पेड़ उखड़ गए। सतना में मकान का छज्जा गिरने से 2 लड़कियों सहित 3 की मौत हो गई। कई इलाकों से पेड़ उखड़ने की सूचनाएं भी आईं। जबलपुर के भेड़ाघाट में भी बड़ा हादसा होने से टल गया।
अब छत्तीसगढ़ से बारिश आएगी
प्री-मानसून का दो दिन का ब्रेक 25 और 26 को रहेगा। 27 से नया सिस्टम बन रहा है। इससे प्रदेश में फिर से बादल आने शुरू हो जाएंगे। इस बार बारिश छत्तीसगढ़ से सटे इलाकों में होगी। पहले शहडोल, सागर, जबलपुर, नर्मदापुरम और भोपाल के कुछ इलाकों में होगी। इस बार भी बारिश की मेहरबानी पूर्वी मध्यप्रदेश यानी जबलपुर-चंबल, बुंदेलखंड, बघेलखंड और जबलपुर में रहेगी। इंदौर को अभी करीब एक सप्ताह और राहत की बूंदों का इंतजार करना पड़ सकता है।