शासकीय सेवक का दर्जा दिलाए जाने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को कोटवार संघ ने रैली निकाली। इसमें सभी कोटवार नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार कपिल शर्मा को सौंपा।
कोटवारों को दिया जाए शासकीय सेवक का दर्जा
ज्ञापन में अपनी मांगों का हवाला देते हुए बताया कि मप्र में कार्यरत कोटवार लंबे समय से प्रशासन को सेवाएं दे रहा है। राजस्व विभाग के साथ कोटवार सभी विभागों का हर समय सहयोग करता है। जिसे मात्र पद अनुसार 400, 600, 800 और 4000 रुपए तक का मानदेय दिया जाता है। इतनी कम मानदेय राशि से परिवार का पालन पोषण करना संभव नहीं है, सभी कोटवारों को शासकीय सेवक का दर्जा दिया जाए।
चुनाव ड्यूटी के लिए भत्ते की मांग
कोटवारों ने कहा कि मप्र के कोटवारों को 1947 के पूर्व सेवा के बदले भूमि दी थी, जिसका विधिवत कोटवार लगान भरते है। उन भूमि पर हमे भूमि स्वामी किया जाएं। शहरी क्षेत्र में कार्यरत कोटवार को सेवा के बाद पद समाप्त कर दिया है, उस पद को पूर्ववत रखा जाए। शहरी क्षेत्र के कोटवारों की जमीनों को नजूल घोषित किया गया है, उस आदेश को वापस लिया जाए। हम चुनाव में कार्य करते है, जिसका हमें कोई भत्ता नहीं दिया जाता है, जबकि अन्य सभी कर्मचारियों को ड्युटी के दौरान भत्ता दिया जाता है।
खांकी वर्दी पहनने की मांगी अनुमति
सभी जिलों में कोटवारों को खांकी वर्दी पहनने की अनुमति दी जा चुकी है, इसलिए आगर जिले में भी कोटवारों को खांकी वर्दी पहनने की अनुमति दी जाए। इस अवसर कोटवार संघ के जिला अध्यक्ष विक्रम परमार, उपाध्यक्ष विक्रम तंवर, महामंत्री रामरतन मंडलोई, महासचिव जगदीश चंद्रावत, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश राव, जिला संयोजक मोहनलाल सूर्यवंशी, तहसील अध्यक्ष घनश्याम सूर्यवंशी सहित बडी संख्या में कोटवार मौजूद रहे।