प्रदेश की उर्जाधानी सिंगरौली जिले की 14वीं वर्षगांठ पर एनसीएल ग्राउंड बिलौजी में आयोजित सिंगरौली महोत्सव सांस्कृतिक संध्या में सूफी गायक कैलाश खेर ने आपने गानों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
शुक्रवार रात जैसे ही कैलाश खेर मंच पर पहुंचे। दर्शकों ने तालियों से उनका स्वागत किया। उनके तेरी दीवानी.. जय जयकारा जय जयकारा स्वामी देना साथ हमारा.. यादा तेरी याद..तू जाने ना..मैं तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया.. ढोल बजदा तुंगा बजदा..पिया के रंग रंग देनी ओढ़नी..तौबा-तौबा रे तेरी सूरत..तेरे बिन नहीं लगता दिल मेरा डोलना.. जैसे गीतों पर लोग जमकर झूमे।
कार्यक्रम में गाने के बीच मे कैलाश खेर ने सिंगरौली जिला और यहां के लोग की खूब सराहना की। कहा कि उनका सिंगरौली से विशेष लगाव रहा है। यहां के लोगों का प्यार मुझे बार-बार खींच लाया है।
जिले में कार्यक्रम के दौरान बॉलीवुड के मशहूर गायक कैलाश खेर ने बेबाक अंदाज से तराने छेड़े। ‘क्या कभी अंबर से सूर्य बिछड़ता है, क्या कभी बिन बाती दीपक जलता है गाना गाया.. जिसे सुनते ही पंडाल में बैठे लोगों ने तालियां बजानी शुरू की और मशहूर गायक कैलाश खेर के हौसले को और भी उड़ान दी।
साथ ही युवाओं ने जमकर सीटियां बजाई। उन्होंने देव फिल्म के गाने गाकर लोगों की वाहवाही बटोरी उन्होंने पिया के रंग रंगदीनी ओढ़नी… समेत तेरे बिन नहीं लगदा दिल मेरा ढोलना गाना गाकर लोगों का दिल जीत लिया।
कैलाश खेर ने कहा कि लोगों का ऐसा प्यार और जोश काबिले तारीफ है जिस पर लोगों ने जमकर सीटियां और तालियां बरसाई। उनके ऐसे साधारण व्यक्तित्व को देखकर लोगों ने खूब वाहवाही की।
कैलाश खेर ने कहा
‘मैं जुहू में रहता हूं साथ ही फिल्मों में गायकी और काम करता हूं लेकिन कभी फिल्में नहीं देखता ना ही मेरे घर पर टीवी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपना लक्ष्य बनाकर मेहनत के साथ अपना कार्य करना चाहिए तभी तरक्की की उड़ान भर पाएंगे।’