भोपाल की 23 साल की बेटी बनी IPS नाना ने देखा था सपना, कोरोना की जद में आए तो जिद बनाकर पाया मुकाम

भोपाल के शिवाजीनगर में रहने वाली लिपि नगाइच ने UPSC में 140वीं रैंक हासिल की। लिपि 23 साल की उम्र में ही IPS अफसर बनेंगी। उनके नाना ने बचपन से उसे IPS बनाने का सपना देखा था। लिपि ने भोपाल में प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन और UPSC की तैयारी की। दूसरे प्रयास में ही UPSC एग्जाम क्रैक कर अपने और नाना के सपने को साकार किया। लिपि के पिता डॉ.उमाशंकर नगाइच भोपाल के जवाहर बाल भवन के डायरेक्टर हैं।

लिपि की मां नीलिमा नगाइच ने बताया कि लिपि का जन्म उसके ननिहाल नरसिंहपुर जिले के करेली तहसील के कोसम खेड़ा गांव में हुआ था। जब उसके नाना ने पंडित जी से लिपि की कुंडली बनवाई तो उसमें गृह-नक्षत्रों के आधार पर यह बताया था कि 24 साल की उम्र तक वह उच्च पद पर पहुंचेगी।

नाना हुए कोरोना पॉजिटिव तो ठानी जिद

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लिपि के नाना रामप्रिय शरण तिवारी कोरोना संक्रमित हो गए थे। उन्हें भोपाल के एक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जब नाना जी की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो वे चिंतित हो गए। लिपि ने उन्हें भरोसा दिलाया कि आप भी ठीक हो जाएंगे और मैं आपका सपना भी पूरा करूंगी। इसके बाद लिपि ने दिन-रात एक कर परीक्षा की तैयारी दोबारा शुरू की।

भोपाल में रहकर की तैयारी

लिपि ने होशंगाबाद में नर्सरी की पढ़ाई के बाद भोपाल के इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से क्लास फर्स्ट से 12th तक की पढ़ाई की। 12वीं में लिपि 95.2% अंक हासिल कर टॉप आई थीं। इसके बाद भोपाल के एक्सीलेंस कॉलेज से बीए ऑनर्स (राजनीति शास्त्र) से करने के बाद नूतन कॉलेज से MA कर रही हैं।

क्लैट में भी हुई थीं सिलेक्ट

लिपि के पिता डॉ.उमाशंकर नगाइच ने बताया कि हम उसे डॉक्टर बनाना चाहते थे। लेकिन, लिपि ने PCM को चुना और फिर उसका सिलेक्शन क्लैट में भी हो गया था। लिपि को नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट कटक अलॉट हुआ था, लिपि वहां नहीं गई। उसने ठान रखा था कि नाना के दिए लक्ष्य को हासिल करके रहेगी।

वीडियो कॉल पर छलके नाना के आंसू

UPSC में सिलेक्ट होने की जानकारी मिलने के बाद वीडियोकॉल पर लिपि ने अपने नाना और नानी से बात की। पोती के अफसर बनने की खबर सुनते ही नाना की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी फोन पर लिपि को बधाई दी।

छतरपुर में भी बंटी मिठाई

लिपि के पिता डॉ.उमाशंकर नगाइच मूल रूप से छतरपुर जिले की गौरिहार तहसील के चंद्रपुरा गांव के रहने वाले हैं। वे महिला बाल विकास विभाग में अधिकारी हैं। लिपि के UPSC में सिलेक्ट होने की जानकारी लगने के बाद उनके पैतृक गांव चंद्रपुरा में भी मिठाइयां बांटी गईं।

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