मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगह में रेलिंग के अंदर श्रद्धालुओं को प्रवेश देकर नियम उल्लंघन करने के मामले में मंदिर पुजारी पुरुषोत्तम जोशी को निलंबित किया गया था । कलेक्टर के आदेश का चारों और विरोध हुआ और मामले ने तूल पकड़ा तो शनिवार देर शाम पुजारी पुरुषोत्तम जोशी को बहाल करने के आदेश जारी हो गए । आदेश में साफ लिखा है कि पुजारी मैं अपनी गलती स्वीकार करते हुए शमा मांगी है लिहाजा उन्हें बहाल किया जाता है । भविष्य अबे ऐसी गलती नहीं दोहराएंगे ।
यह था मामला
पशपुतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में रेलिंग के अंदर पुजारी और सफाई कर्मी के अलावा किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है । भक्तों को रेलिंग के बाहर से ही पूजा और दर्शन करने की अनुमति है । लेकिन पुजारी पुरुषोत्तम जोशी नियम तोड़ते हुए जजमानों को गर्भगृह में भगवान पशुपतिनाथ की मूर्ति के पास स्थित रेलिंग के अंदर ले जाकर पूजा करवाई। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो कलेक्टर ने पुजारी को निलंबित कर दिया था ।
डीएम के आदेश के खिलाफ तेज हुआ विरोध तो पुजारी को बहाल करना पड़ा
पुजारी के निलंबन को लेकर डीएम के आदेश के खिलाफ सोशल मीडिया कैंपेन शुरू हुआ शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी मंदसौर प्रशासन पर सवाल खड़ा करते हुए ट्वीट किया, उधर गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज ने विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया और कलेक्टर गौतम सिंह को ज्ञापन सौंपकर पुजारी को सम्मान बहाल करने की मांग की गई है । आदेश के खिलाफ चारों ओर से विरोध के स्वर उठते देख शनिवार शाम को मामले का पटाक्षेप कर पुजारी को बहाल करने के आदेश जारी कर दिए गए ।