खदान में बेटा-बेटी को डूबते देख मां भी कूदी – भोपाल में आंखों के सामने बच्चों की मौत, मां को पड़ोसियों ने बचाया

भोपाल में पल भर में हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया। यहां मासूम भाई-बहन की खदान के पानी में डूबने से मौत हो गई, जबकि मां की हालत गंभीर है। दरअसल, 5 साल की मासूम खेलते समय खदान के गड्‌ढे में भरे पानी में गिर गई। उसे बचाने के लिए 7 साल का बड़ा भाई कूद गया। बच्चों को डूबता देख मां ने भी छलांग लगा दी। ऐसे में तीनों पानी में डूब गए। घटना गुरुवार की है। शुक्रवार को बच्चों के शव का पोस्टमार्टम कर परिवार वालों को सौंप दिया। हादसे के बाद से मां बच्चों का नाम लेकर बार-बार बेहोश हो रही है। वहीं, पिता का भी रो-रोकर बुरा हाल है। पिता का कहना है कि सबकुछ खत्म हो गया।

अयोध्या नगर में रहने वाले भगवान लाल प्राइवेट नौकरी करते हैं। उन्होंने बताया कि 5 साल की बेटी निशिका, 7 साल के बड़े भाई अतुल के साथ गुरुवार दोपहर शंकर खदान के पास खेल रही थी। निशिका फिसलकर पानी में गिर गई। उसे डूबता देख अतुल भी पानी में कूद गया। दोनों पानी में डूबने लगे। इसके बाद पत्नी क्षमा ने भी पानी में छलांग लगा दी। तीनों डूबने लगे। ये देख पड़ोस की महिलाएं भी पानी में कूद गईं।

निशिका खेलते समय पानी में गिर गई थी।

महिलाओं ने किसी तरह उन्हें बाहर निकाला। इसके बाद नजदीकी अस्पताल ले गए। वहां से तीनों को जेपी अस्पताल रेफर कर दिया। यहां डॉक्टरों ने निशिका और अतुल को मृत घोषित कर दिया। क्षमा को भी करीब तीन घंटे बाद होश आया। होश में आने के बाद से ही बच्चों के नाम पर रोने लगती है। बेहोश हो जाती है। रोती है। चुप बैठ जाती है। फिर बेहोश हो जाती है।

पिता का दर्द- हमारा सब कुछ खत्म हो गया

भगवान ने बताया कि वे मूलत: गुना के रहने वाले हैं। शादी के बाद उन्हें लगा कि भोपाल में अच्छा काम मिलेगा। इससे वे बच्चों को अच्छा पढ़ा सकेंगे। इस कारण करीब 10 साल पहले यहां आए थे। दो दिन पहले ही उन्होंने अतुल का स्कूल में एडमिशन कराया था। बेटी का भी सोमवार को स्कूल में नाम लिखवाने वाले थे। कॉपी किताब के लिए रुपए नहीं थे, इसलिए बच्चे को स्कूल नहीं भेजा था। सोचा था कि दो दिन में रुपयों का इंतजाम कर उसे स्कूल भेज दूंगा, लेकिन सबकुछ खत्म हो गया। दोनों बच्चे ऑपरेशन के बाद हुए थे। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा।

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