धार के राजगढ़ गांव स्कूल संचालक के बेटे के अपहरण मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है। पीड़ित परिवार के बेटे ने ही खुद के अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी। जिसमें पुलिस ने घटना के 18 घंटे बाद ही पूरी कहानी का पर्दाफाश कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुआ बताया कि आरोपी को रुपयों की आवश्यकता थी। वह कर्ज में डूबा हुआ था जिसके चलते उसने ये कदम उठाया। और अपने अपहरण की ही झूठी कहानी रच दी।
गुरू राजेन्द्र नगर कालोनी राजगढ़ के निवासी स्कूल संचालक विपिन पिता विजय पांडेय ने 14 जुलाई को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें उनके बेटे वरद के अपहरण करने की बात कही। अपहरण कर्ता ने वरद के एवज में 10 लाख रुपए की मांग की है। इसी तरह का दूसरा फोन स्कूल संचालक की पत्नी और पार्षद को भी आया था। जिसमें वरद के अपहरण की बात बताई और 10 लाख की मांग की।
टीआई ब्रजेश कुमार मालवीय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए रिपोर्ट दर्ज की और तत्काल पूरे कस्बे में वरद की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि वरद मंडी रोड स्थित निर्माणाधीन स्कूल जाता था। पुलिस मौके पर पहुंची चो वहां आरोपी के जूते सीढ़ियों पर मिले, टीम ऊपर की ओर गई तो वरद बाथरूम में हाथ पैर बंधे हुए मिला। जहां से पुलिस वरद को थाने लेकर पहुंची।
आवाज बदलकर मांगे रुपए
टीआई मालवीय ने बताया कि जब पुलिस टीम वरद को स्कूल से थाने लेकर आई और उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में वरद ने बताया कि तीन लोगों ने मिलकर उसका अपहरण किया था। पुलिस ने वरद से मिली जानकारी और जिस नंबर से धमकी मिली उसके बारे में जानकारी जुटाई। साथ ही पुलिस को घटना के एक दिन पहले उसी नंबर की सिमकार्ड खरीदे जाने की बात भी पता चली। ऐसे में पुलिस ने वरद से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपहरण की झूठी कहानी की बात बताई। वरद ने बताया कि उसे पैसों की आवश्यकता और देनदारी होने के कारण आवाज बदलकर खुद के अपहरण की कहानी बनाई और पैसों की मांग की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को कोर्ट में पेश किया।