नीमच में पुरानी कचेहरी इलाके में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करने को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में प्रशासन ने अशांति, चरमपंथ, भडकाऊ भाषण और सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में गुलाम रसूल पठान के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की थी। इस मामले में हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने आरोपी गुलाम रसूल पठान को बरी कर दिया है। वहीं कोर्ट ने गुलाम के हक में फैसला सुनाते हुए रासुका को बेबुनियाद बताया और कहा कि यह मानवाधिकार का उल्लंघन है।
शासन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना
इसके साथ ही मंत्रणा बोर्ड ने भी इस कार्रवाई को गलत ठहराया है। मंत्रणा बोर्ड के आदेश के बाद भी जब रासुका के आरोपी पठान को रिहा नहीं किया गया तो हाईकोर्ट ने गुलाम रसूल पठान के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शासन पर 50 हजार का जुर्माना ठोक दिया।
इस मामले में दो याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। जिसमें इंदौर के अख्तर खान और नीमच के गुलाम रसूल पठान है। दोनों ही रासुका के आरोपी थे। दोनों ही मामलों में कोर्ट ने 50-50 हजार का हर्जाना देने की बात कही है।
ये है पूरा मामला
15 मई को नीमच में हिंदू संगठनों ने पुरानी कचेरी इलाके में मुस्लिम धर्मस्थल के पास एक मूर्ति स्थापित करने का प्रयास किया था। जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। भीड़ ने पथराव और आगजनी की। प्रशासन ने 17 मई को मूर्ति को जब्त कर लिया। कुछ दिनों बाद राज्य पुलिस ने 19 मई को शहर की मुस्लिम इंतेजामिया समिति के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया। कलेक्टर मयंक अग्रवाल सिफारिश की कि उनके कथित भड़काऊ भाषणों के लिए उनके खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लागू करें। जिसके बाद गुलाम के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी।
सीएम ने कार्रवाई के दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले के अधिकारियों को तनाव पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मामले को तेजी से हल करने का निर्देश दिए। दो दिन बाद मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के प्रमुख गुलाम रसूल पठान को 19 मई को पुलिस ने गिरफ्तार किया और रासुका के तहत कार्रवाई की थी।