प्रदेश के सभी शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में CCLE कार्यक्रम वस्तुत मप्र में सीसीई को सीसीएलई अर्थात सतत और व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन के रूप में एक अभिनव कार्यक्रम के रूप में संचालित किया जा रहा है। जहां वह मात्र आकलन न रहकर एक शिक्षण विधि के रूप में उभर कर आया है। प्रति सप्ताह होने वाली निबंध, आशु भाषण प्रश्नमंच प्रदर्शन कलाएं आदि सदन आधारित गतिविधियों एवं प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों को पूरे सप्ताह इनकी तैयारी करने के लिए प्रेरित करती है।
हर शनिवार को होगा बाल सभा का आयोजन
प्रदेश सरकार द्वारा स्कूली विद्यार्थियों को पढ़ाई की बोरियत मिटाने के लिए प्रदेश के सभी स्कूलों में अभिनव कार्यक्रम के तहत हर शनिवार को बाल सभा की तर्ज पर सीसीएलई के तहत कक्षाएं संचालित होंगी। जिससे कक्षा में मनोरंजन के साथ विद्यार्थियों को कौशल विकास के गुर सिखाए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन भी लगेगा साथ ही साथ उनका मानसिक विकास भी बढ़ेगा। डीईओ अभिलाष कुमार चतुर्वेदी के अनुसार सतत और व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन के तहत विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ अनेक रचनात्मक गतिविधियां सिखने को मिलेंगी। इससे न सिर्फ उनके कौशल का विकास होगा बल्कि उनमें रचनात्मक कार्यों के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी। हम अगले महीने से ही इसकी कक्षाएं शुरू कर देंगे।
NCERT के पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी पुस्तकें
समूह के रूप में की गई क्रियाएं राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा प्रकाशित न्यूनतम अधिगम स्तर में वर्णित सुनने, बोलने, पढ़ने एवं लिखने की योग्यताएं इन पाठ्य सहगामी गतिविधियों से ही प्राप्त होती है। इसके अलावा हर शनिवार को स्कूलों में वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी। इसके साथ छात्र-छात्राओं को उनकी रुचि के अनुसार कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें वह सिलाई-कढ़ाई भी सीख सकेंगे। वहीं पाठ्यक्रम पर आधारित निबंध, प्रश्न मंच, मिट्टी से बनी वस्तुएं सुई धागा से बनाई जाने वाली वस्तुएं आदि शामिल है। फोक सांग, फोक डांस और काव्य पाठ आदि भी कराया जाएगा। इससे ना सिर्फ विद्यार्थी सामूहिक रूप से किसी भी समस्या का समाधान सीख सकेंगे बल्कि उनमें रचनात्मक कार्यों की क्षमता बढ़ेगी।