जिले की श्यामपुर तहसील की ग्राम पंचायत बिछिया के अंतर्गत टप्पर गांव में प्रशासन कब्रिस्तान पर बुलडोजर चलाकर सरकारी स्कूल बनाना चाहता है। यहां लगभग 50 साल पुराना कब्रिस्तान है, कब्रिस्तान में स्कूल बनाने को लेकर गांव के लोगों में गुस्सा है।
दरअसल पुराना सरकारी स्कूल हाईवे के निर्माण में जमीदोज हो गया है, जिसके चलते प्रशासन कब्रिस्तान में स्कूल बना रहा है। इस फैसले का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि ‘कब्रिस्तान की जमीन के अंदर पुरखों के कई शव दफन हैं। अगर यहां स्कूल बनेगी तो हम बच्चों को पढ़ने नहीं भेजेंगे, क्योंकि बच्चों को कब्रिस्तान में डर लगता है’।
पहले भी कब्रिस्तान के पास जब स्कूल बनाया जा रहा था, तब ग्रामीणों द्वारा मना किया गया था, यहां स्कूल नहीं बनाए लेकिन प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की बात को नहीं सुना गया और जबरन स्कूल बना दिया गया। अब यह स्कूल फोर-लेन सड़क निर्माण में चला गया है, जिससे इस स्कूल का टूटना तय हो गया है। स्कूल भवन टूटने से शासन को भी लाखों रुपए का नुकसान होगा। इधर, वापस स्थानीय प्रशासन कब्रिस्तान की भूमि पर स्कूल बनाना चाहता है जबकि कब्रिस्तान के बाहर भी शासकीय भूमि मौजूद है। बावजूद इसके कब्रिस्तान में ही वापस स्कूल भवन का निर्माण कराया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि कब्रिस्तान में स्कूल बनाया तो हम अपने बच्चों को वहां पढ़ाने नहीं भेजेंगे, क्योंकि बच्चे डर जाएंगे, पूर्व अनुसार फिर शासन के पैसे का दुरुपयोग हो जाएगा, जिससे सरकार को भी नुकसान होगा बच्चों की सुरक्षा देखते हुए कब्रिस्तान की भूमि को छोड़कर अन्य शासकीय भूमि पर ही विद्यालय को बनाया जाए, जिससे वे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें, सरपंच द्वारा भी तहसीलदार श्यामपुर से अनुशंसा की गई थी कि कब्रिस्तान में स्कूल नहीं बनाया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि फिर भी कब्रिस्तान में ही शासकीय विद्यालय बनाया गया तो हमारे पास दफनाने के लिए जगह नहीं बचेगी तो हम फिर मृतक को दफन कहां करेंगे। ऐसी स्थिति में हम सब स्कूल के परिसर में ही रख कर चले जाएंगे और दफनाने की जिम्मेदारी भी फिर स्कूल और प्रशासन की होगी। मांग करने वालों में ग्रामीणजन शामिल है।