धार में भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम में लीकेज के बाद पानी का रिसाव बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार सुबह भारी मात्रा में बांध के एक तरफ की मिट्टी बह गई। मिट्टी से बनी डैम वॉल का बड़ा हिस्सा ढह गया। प्रशासन ने डैम के आसपास के 18 गांव खाली करा लिए है, इनमें धार जिले के 12 और खरगोन के 6 गांव शामिल हैं। इससे करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। डैम का पानी जिस नदी में जाएगा उस पर आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे-3 (AB रोड) का पुल है। हाईवे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की टीम तैनात है। वाहनों की आवाजाही कम कर दी है। इससे जाम के हालात बन गए। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए सेना के संपर्क में है। अपर मुख्य सचिव, गृह राजेश राजोरा ने बताया कि एयरफोर्स के 2 हेलीकॉप्टर और आर्मी की एक कंपनी तैयार है।
डैम का पानी कराया जा रहा खाली
डैम के पानी को प्रशासन की टीम खाली कराने में जुटी हुई है। इसके लिए बांध के साइड से एक नहर निकाली जा रही है। पानी निकलने से बांध टूटने की स्थिति में बाढ़ का खतरा नहीं रहेगा। अधिकारियों का कहना है कि बांध निर्माणाधीन है, इसमें बारिश के कारण पहले ही पानी भर जाने के कारण ये हालात बनी है। हालांकि अभी बांध के फूटने जैसी स्थिति नहीं है। डैम का पानी निकालने के लिए नहर बनाने के काम में 4 पोकलेन मशीने लगी हुई हैं।
मरम्मत का काम भी तेजी से जारी
इंदौर के साथ भोपाल से विशेषज्ञों की टीम डैम को देखने पहुंची। डैम के गेट खोलकर पानी निकालने की तैयारी की जा रही है। मरम्मत का काम भी तेजी से शुरू हो चुका है। फिलहाल बारिश रुकी हुई है। लेकिन अगले कुछ घंटों में बारिश होती है तो हालात बिगड़ सकते हैं। अगले 10 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
4 साल से चल रहा डैम का काम
धार जिले में 304.44 करोड़ की लागत से कारम नदी पर डैम बनाया जा रहा है। कारम नदी परियोजना के लिए 4 साल से काम चल रहा है। डैम पूरी तरह बन जाने के बाद 52 गांवों में 10,500 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। बांध में शुक्रवार दोपहर से ही रिसाव शुरू हो गया था। तब से ही प्रशासन की टीम मौके पर है। आसपास के 11 गांवों में मुनादी कराकर लोगों को अलर्ट किया गया है। रिसाव अगर और बढ़ता है तो पानी गांवों तक पहुंच जाएगा। आसपास के रास्ते भी डूब जाएंगे।