ANM उन्मुखीकरण कार्यशाला छतरपुर के ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित हुई। कार्यशाला में कलेक्टर संदीप जीआर ने कहा कि हमारे ऐसे प्रयास रहें कि गर्भावस्था से बच्चे के जन्म तक मां और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें। यह एक व्यक्ति एक परिवार है। उन्होंने कहा कि हमें बिना देर किए मां और बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनका सुरक्षित प्रसव कराना है, जिसके लिए सभी आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी और सीएचओ एकजुटता दिखाते हुए अपना फर्ज निभाएं। अगर किसी तरह के टेक्निकल इश्यू होते हैं तो जिला स्तर पर बात करके उसका समाधान करें। किसी भी महिला की डिलीवरी रास्ते में ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही सेक्टर स्तर पर विकासखंड में ही डिलीवरी के लिए भेजा जाए और सभी ब्लॉक स्तर पर अनमोल ऐप में एंट्री भी करें।
कलेक्टर ने सभी निकाय और जनपदों को निर्देश दिए हैं कि नव दंपत्तियों के समग्र आईडी बनाने के लिए निचले स्तर से लिस्ट मिलते ही उनकी समग्र आईडी बनाकर सूचना दें। कार्यशाला में अनमोल ऐप और उन्मुखीकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए डीपीएम राजेंद्र खरे ने एएनएम को बताया कि गर्भवती महिलाओं की प्रथम तिमाही में जुलाई के बाद रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है तभी उन्हें मुख्यमंत्री श्रमिक प्रसूति सहायता योजना का लाभ मिलेगा। इस दौरान एएनएम की विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का भी समाधान किया गया और गर्भवती महिलाओं द्वारा प्रेग्नेंसी संबंधित बात को छुपाए जाने के सम्बंध में कहा गया कि सभी नवविवाहित महिलाओं का फॉलोअप करते रहे तथा सरपंच, सचिव सहित निचले स्तर की टीम चौपाल लगाकर उन्हें जागरूक बनाये। जिससे वह शासन स्तर से मिलने वाले लाभ से वंचित न रहें।
नव दम्पत्तियों की समग्र आईडी आधार कार्ड सहित आवश्यक दस्तावेज बनवाकर रखें ताकि गर्भवती होने पर उनकी तुरंत एंट्री की जा सके और अनमोल ऐप की विकासखण्ड स्तर पर प्रतिदिन समीक्षा की जाए जिससे अधिक से अधिक एंट्री हो सके।
कार्यक्रम में सभी विकासखण्डों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र से लगभग 300 एएनएम कार्यशाला में उपस्थित रही। इस दौरान सीएमएचओ डॉ लखन तिवारी, सिविल सर्जन डॉ जी.एल. अहिरवार सहित स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न अधिकारी भी उपस्थित रहे।