जिले के कुछ क्षेत्रों में सीएमवी वायरस के कारण केला फसल को नुकसान पहुंच रहा है। इसे लेकर कृषि और उद्यानिकी विभाग अफसरों की टीम गांवों में पहुंच रही है। टीम द्वारा किसानों को सलाह दी जा रही है कि वह अधिक से अधिक उर्वरक का इस्तेमाल कर खेतों को नुकसानी से बचा सकते है।
जिले के ग्राम बोदरली, फोफनार, रायगांव, संग्रामपुर, नाचनखेड़ा, सिरसौदा और अन्य गांवों वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप सिंह, उपसंचालक उद्यान आरएनएस तोमर, उप संचालक कृषि एमएस देवके ने किसानों के प्रक्षेत्र में लगी केला फसल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिले में वर्तमान में केले की फसल में सीएमवी वायरस का संक्रमण देखा गया। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए किसानों को विभिन्न सुझाव दिए गए, जिनमें खेत के आसपास और अंदर साफ.सफाई, आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करने, 15 से 20 प्रतिशत उर्वरक अधिक डालने, जैविक खाद, गोबर की खाद की उपलब्धकता के आधार पर भरपूर खेत में मिलाने की समझाईश दी गई।
किट नियत्रंण के लिए इन रसायनों का छिड़काव करने का सुझाव
क्लोरोपायरीफांस 45 एमएल, एसीफेट 15 ग्राम, स्टीकर 15 एमएल, नीमतेल 50 एमएल 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या इमिडाक्लोरोपिड 6 एमएल, एसीफेट 15 ग्राम स्टीकर 15 एमएल नीमतेल 50 एमएल 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। छिड़काव साफ मौसम में ही करना सुनिश्चित करें।