गणपति बप्पा मोरिया…अगले बरस तू जल्दी आ…की गूंज शहर में सुनाई दी। शुक्रवार को दस दिवसीय गणेशोत्सव के समापन पर शहर में लगे विभिन्न पांडालों, मंदिरों और घरों में विराजित भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं को लेकर लोग विसर्जन स्थल पर पहुंचने लगे थे। यहां पर नगर निगम द्वारा विशेष व्यवस्था की गई थी। पूजन अर्चना के बाद प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए निगम के कर्मचारियों को सौंपी। निगम द्वारा प्रतिमा विसर्जन हीरामील कुंड और कालियादेह महल के आगे शिप्रा नदी में किया गया।
शहर में करीब दो सौ पांडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विराजित कर दस दिनों तक पूजा-आराधना की गई। इन दिनों में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन भी खूब हुए। अनंत चतुर्दशी पर शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की आरती की गई। इसके बाद विसर्जन के लिए चल समारोह निकलना शुरू हुए। नगर निगम द्वारा शिप्रा नदी के रामघाट, गऊघाट, मंगलनाथ, त्रिवेणी, कमल तालाब सहित कई घाटों पर प्रतिमाओं को विसर्जन करने के लिए पहुंचे लोगों से प्रतिमा को सम्मान पूर्वक लेकर नगर निगम के ट्रेक्टर, डंपर से केडी पैलेस के आगे शिप्रा नदी में विसर्जित किया। वहीं शहर में हीरा मील क्षेत्र में प्रतिमा विसर्जन के लिए कुंड में व्यवस्था की गई थी। यहां पर भी भक्तों ने प्रतिमा का विसर्जन किया।
धूमधाम से निकले चल समारोह
दस दिवसीय गणेशोत्सव के समापन पर शहर में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन चल समारोह सुबह से ही निकलना शुरू हो गए थे। घरों मेंं विराजित भगवान गणेश की छोटी प्रतिमाओं को हाथों में तो पंडालों में विराजित बड़ी प्रतिमाओं को ट्रेक्टर, मेटाडोर, मैजिक व अन्य वाहनों से विसर्जन स्थल तक लेकर पहुंचे। कई लोग दोपहिया वाहनों से भी भगवान की प्रतिमाओं को लेकर विसर्जन के लिए पहुंचे।