आयुष्मान कार्ड की आड़ में निजी अस्पतालों में भ्रष्टाचार – कार्ड लगाने के बाद भी इलाज के नाम पर वसूली जा रही राशि, चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई

सरकार की महती योजना आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत निजी चिकित्सालय में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने लगे हैं। निजी चिकित्सालय में मरीजों को आयुष्मान कार्ड का लाभ भी नहीं दिया जाता और इलाज के नाम पर राशि भी वसूली जा रही है, कई मामलों में तो निजी चिकित्सकों द्वारा इलाज के नाम पर मरीजों से राशि भी वसूली गई और आयुष्मान कार्ड लगाकर भी शासन से राशि ले ली गई।

जिसके कारण मरीजों को आयुष्मान कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने आया जहां नीमच जिले के जीरन तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम भवरासा निवासी मनोहर सिंह पिता नाथू सिंह को उनके पुत्र पवन सिंह सोंधिया राजपूत द्वारा नीमच के चौधरी नर्सिंग होम इलाज के लिए भर्ती कराया गया था,और परामर्श के बाद चिकित्सक डॉ अभिषेक तिवारी द्वारा मनोहर सिंह का इलाज प्रारंभ किया गया।

चिकित्सक के कहने पर परिजनों ने हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड भी लगाया चिकित्सक द्वारा कहा गया कि आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज फ्री हो जाएगा जिस पर परिजन राजी हुए और इलाज प्रारंभ हुआ परंतु बाद में चिकित्सक द्वारा आयुष्मान कार्ड मान्य करने से मना कर दिया और मरीज के परिजनों से राशि भी वसूली गई यहां तक की वसूली गई राशि का कोई भी बिल या लेखा-जोखा एवं दवाइयों का बिल भी नहीं दिया गया।

इस पर जब परिजन चिकित्सक से चर्चा कर ने उनके कक्ष गए तो चिकित्सक द्वारा परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए गाली गलौज की गई इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उपरोक्त मामले को लेकर बुधवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने कलेक्टर के नाम एक शिकायती आवेदन तहसीलदार अजय हिंगे को सौंपा,जीसमें पीड़ित पवन सिंह पिता मनोहर सिंह सोंधिया राजपूत ने बताया कि उनके पिता मनोहर सिंह की तबीयत खराब थी जिस पर हम नीमच के चौधरी नर्सिंग होम इलाज के लिए पहुंचे थे जहां डॉक्टर अभिषेक तिवारी से परामर्श लेने के बाद इलाज प्रारंभ कराया गया वहीं डॉक्टर के कहने पर ही आयुष्मान कार्ड लगाया गया था।

चिकित्सक द्वारा बताया गया था कि इलाज फ्री हो जाएगा लेकिन बाद में चिकित्सक द्वारा यह कहकर मना कर दिया गया कि यही इलाज आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत नहीं आता है और इलाज एवं दवाइयों के नाम पर भी राशि वसूली गई जिसका कोई बिल भी नहीं दिया गया।

जब उक्त मामले को लेकर मरीज का बेटा व उसके परिजन चिकित्सक से मिलने गए तो चिकित्सक द्वारा अभद्र व्यवहार करते हुए गंदी गालियों का प्रयोग किया गया, इसके बाद स्टाफ द्वारा पिताजी को आईसीयू वार्ड में ले जाकर कुछ फोटो खींचे गए और बाहर निकल कर बोला कि तुम्हारी छुट्टी कल कर दी जाएगी, चिकित्सक से पूछा गया कि पिताजी को कोई गंभीर बीमारी नहीं है तो आईसीयू में क्यों ले जाया गया जिस पर चिकित्सक द्वारा शासन के आयुष्मान कार्ड के तहत फायदा कराने की बात कही।

जब चिकित्सक से पूछा गया कि आप आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत फायदा कराने की बात करते हैं तो हमसे नगद राशि क्यों भुगतान करवाई गई इस पर वे भड़क गए और परिजनों को अस्पताल से बाहर कर दिया गया,5 दिन इलाज के बाद पूरा पेमेंट करने के बावजूद मात्र 71 रु कम होने के बाद भी पिताजी को छुट्टी नहीं दी गई कहा गया कि पूरा पेमेंट जमा कराएं उसके बाद ही छुट्टी दी जाएगी।

ज्ञापन में बताया गया कि उक्त चिकित्सक द्वारा पूर्व में भी गांव के एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी की गई है जिसमें आयुष्मान कार्ड लगाकर लाखों रुपए वसूले गए और मरीज के परिजन से भी राशि का भुगतान करवाया गया जब मरीज अहमदाबाद उपचार के लिए पहुंचा तो पता चला कि उसके आयुष्मान कार्ड से 3 लाख का उपचार हो चुका है। ज्ञापन में मांग की गई है कि इलाज के नाम पर चिकित्सक द्वारा आयुष्मान कार्ड लगाकर जो भी राशि अवैध रूप से वसूली गई है वह दिलाई जाए और चिकित्सक के विरुद्ध उचित और वैधानिक कार्रवाई कर उसे दंडित किया जाए।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here