दीपक, रुई से बनी बत्ती और रंगोली बेचने वालों से शुल्क नहीं लेने की घोषणा के अगले दिन महापौर मुकेश टटवाल, विधायक पारस जैन बाजार में इसका रियलिटी चैक करने पहुंचे। सतीगेट से छत्री चौक तक छोटी-छोटी दुकान लगाने वालों से जब महापौर ने पूछा- निगम की तरफ से कोई पर्ची तो नहीं काट रहा है। जवाब में व्यापारियों ने हाथ जोड़कर जयश्री महाकाल बोला और धन्यवाद दिया।
दीपावली पर दीपक, रुई बत्ती और रंगोली की रोड किनारे लगने वाली दुकानों के लिए महापौर ने इस बार घोषणा की थी कि इनसे निगम की तरफ से शुल्क नहीं लिया जाएगा। विधायक व महापौर पैदल एक-एक दुकान पर गए और पूछा कि पर्ची तो नहीं काट रहा है। रंगोली का ठेला लगाने वाली ज्योति, योगेश, तेजकरण सहित 26 से अधिक दुकानों पर पहुंचे तो सभी ने हाथ जोड़कर कहा- कोई पैसा नहीं लिया गया।
छत्री चौक पर रंगोली बेचने वाला सन्नी मालवीय बोला- पर्ची कटी है (उसे डर था, पर्ची नहीं होने पर चालान न बन जाए)। महापौर ने कहा पर्ची दिखाओ। सन्नी पर्चियों को खोजने लगा तो उसके पास से कुछ पर्ची निकली, जिस पर तारीख पिछले साल की थी।