राहुल गांधी की पदयात्रा आगर रोड से होकर निकलेगी, जो कि चलने लायक ही नहीं है। सड़क पर हर दो कदम की दूरी पर गड्ढे हैं और सड़क का सरफेस यानी उपरी सतह पूरी तरह से उखड़ गई है। आगर रोड पर सुरासा से घोंसला के बीच में 35 किमी में से 16 किमी में सड़क पूरी तरह से खराब हो चुकी है। यहां करीब 7 स्थान ऐसे हैं, जहां पर से निकलने पर पैदल यात्री या दो पहिया वाहन चालक धुल से सराबाेर हो जाता है।चार पहिया वाहन के गुजरने के दौरान धुल के गुबार उड़ते हैं। मार्ग में सुरासा से घट्टिया के बीच में चार स्थान ऐसे हैं, जहां पर सड़क पर पानी फैला है। हैंडपंप या अन्य जल स्त्रोत का पानी सड़क पर फैलने से कीचड़ हो गया है। लोगों का पैदल निकलना मुश्किल हो रहा है। राहुल गांधी की यात्रा इसी मार्ग से होकर निकलेगी।
रूट तय करने के दौरान खराब सड़क होने की वजह से राहुल गांधी की कौर टीम के सदस्य केबी बेजू और साथ आए सदस्यों ने यहां से राहुल गांधी को पैदल यहां से ले जाने के लिए भी इंकार कर दिया गया था यानी रास्ता खराब होने की वजह से उन्हें वाहन में सवार कर ले जाने की चर्चा भी हो चुकी है।
एनएचएआई के अधिकारियों का तर्क हैं कि अंडर कंस्ट्रक्शन होने की वजह से परेशानी है फिर भी कोशिश की जा रही है कि जितना हो सकेगा मार्ग को सुधार कार्य किया जाएगा। दूसरी तरफ विपक्ष यानी कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार चार साल में भी सड़क पर सुधार कार्य नहीं कर पाई है।
टुकड़ों में बन रहा फोरलेन
एनएचएआई नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से आगर रोड पर वर्तमान में करीब 27 किमी में सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। सड़क को फोरलेन किया जा रहा है लेकिन सड़क टुकडों में बनाई जा रही है यानी फोरलेन का एक हिस्सा बनाने के बाद पास का दूसरा हिस्सा छोड़कर आगे से निर्माण हो रहा है। जहां से वाहन निकलते हैं तो धुल के गुबार उठते हैं। सड़क का निर्माण टुकडों में होने से वाहनों का जाम भी लग रहा है।
टू लेन से फिर 50 किमी में फोरलेन में बदला
उज्जैन-गरोठ फोरलेन का निर्माण होने की वजह से आगर रोड का टू लेन का प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसके बाद वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए तथा केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के उज्जैन आगमन के दौरान सड़क का मामला उठने के बाद उन्हें उज्जैन से आगर रोड को 50 किमी में फोरलेन का निर्माण करने की घोषणा की थी। इसमें से करीब 27 किमी में अभी निर्माण हो रहा है। जून-2023 तक निर्माण कार्य पूरा किए जाने का टारगेट है।
यहां से गुजरेगी यात्रा
इस मार्ग पर मकोड़िया आम के बाद पहला गांव सुरासा फिर ढाबला, उज्जैनिया, जैथल व पिपलई, निपानिया, नजरपुर, घट्टिया व घोंसला व झांगरा व ढाबला है। कांग्रेस के नेताओं और प्रशासन ने मार्ग को ठीक करवाने के लिए प्रयास किए लेकिन अब तक यहां पर निर्माण कार्य तो ठीक सड़क का मेंटेनेंस भी शुरू नहीं हो पाया है।
इधर उलझा रहा रोड
आगर रोड एमपीआरडीसी के अधीन था, जिसका रख-रखाव इसी विभाग को करना था। टोल कंपनी का ठेका समाप्त होने के बाद एमपीआरडीसी से सड़क का मेंटेनेंस करवाया था, जिसके बाद भी सड़क नहीं सुधरी। उसके बाद यह सड़क एनएचएआई में चली गई। हालांकि दो-तीन साल तक दोनों के बीच में हैंड ऑवर को लेकर उलझन चलती रही।