सहकारिता से ही कृषि की आय दोगुनी हो सकती है : डॉ. आर.पी. शर्मा


उज्जैन। सहकारिता प्राचीन समय से ही भारत में विद्यमान है। सहकारिता ही एकमात्र ऐसा साधन है, जिससे हम सब मिलकर अपनी कृषि की आय को दोगुना कर सकते हैं। जैसे यदि हम ग्रामीण क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग सहकारी समिति, वेयरहाउसिंग सहकारी समिति संयुक्त कृषि सहकारी समिति, कृषि यंत्र सहकारी समिति आदी बनाकर कार्य करेंगे तो हमें उन्नत किस्म के बीज, तकनीकी वैज्ञानिक मार्गदर्शन, जैविक एवं रासायनिक उर्वरक, पशुपालन इत्यादि सभी गुणवत्तायुक्त एवं सुगमता से उपलब्ध हो सकेंगे। यही छोटी-छोटी बचत और साथ मिलने की भावना ही कृषि आय को दुगनी कर सकती है।
यह विचार सहकारिता मंत्रालय की सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना उज्जैन द्वारा तराना में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कही। मुख्य अतिथि योगेंद्र सिंह सिसोदिया पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी संघ उज्जैन, अध्यक्षता डॉ. आर.पी. शर्मा निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्र उज्जैन, विशिष्ट अतिथि वर्मा तहसीलदार, तराना विशेष अतिथि सोनक पंडित मुख्य कार्यकारी अधिकारी जनपद पंचायत तराना, दिनेश सिंह यादव प्रबंधक जिला केंद्रीय बैंक शाखा तराना, नरेंद्र शर्मा प्रचारक सहकारिता, विषय विशेषज्ञ के.के. राय मुख्य चिकित्सा, अधिकारी तराना, सुनील राठौड़ अधीक्षक, उद्यानिकी विभाग तराना, योगेश परमार समन्वयक, सामाजिक न्याय विभाग तराना एवं संतोष समन्वयक कृपा वेलफेयर सोसाइटी उज्जैन रहे। अमृत महोत्सव का प्रारंभ गांधीजी के चित्र पर पुष्प एवं सूत की माला अर्पण कर किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत प्रतिभागियों द्वारा पुष्पगुच्छ से किया गया। संचालन प्रेम सिंह झाला सहकारी शिक्षा प्रेरक ने किया।
प्रभारी परियोजना अधिकारी चन्द्रशेखर बैरागी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सहकारिता प्रचार प्रसार करने के लिए भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा एकीकृत योजना के अंतर्गत सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना का गठन किया। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में सहकारिता को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि क्षेत्र की आय दोगुना करना है। इसी तारतम्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
श्री वर्मा तहसीलदार तराना ने कहा कि राज्य सरकार भी कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है आप यहां विद्यमान विशेषज्ञों के मार्गदर्शन एवं अपने अनुभव के माध्यम से कृषि कार्य में परिवर्तन कर कृषि आय बढ़ा सकेंगे।
श्री सोनक पंडित ने कहा कि जनपद पंचायत द्वारा समय-समय पर ग्राम पंचायत के माध्यम से ग्राम विकास एवं अन्य सुविधाएं ग्रामीणों को प्रदान की जाती है ग्रामीण इन सुविधाओं का उपयोग कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करे ना कि इन सुविधाओं पर आश्रित रहे मेरा सभी ग्रामीणों से अनुरोध है कि सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा का उपयोग कर आर्थिक उन्नति करें।
श्री सुनील राठौड़ अधीक्षक, उद्यानिकी विभाग ने कहा कि उद्यानिकी बाग, बगीचे, सब्जियों के रोप,बिज ,आलू-प्याज के गोदाम आदि के अतिरिक्त फूड प्रोसेसिंग प्लांट पर भी कार्य कर रहा है फूड प्रोसेसिंग की कई वित्तीय योजनाओं की जानकारी, सब्सिडी सहित दी एवं इन योजनाओं के क्रियान्वयन करने लिए किस प्रकार आवेदन करना एवं कैसे लाभ ले सकते हैं की पूर्ण जानकारी दी।
डॉ. के.के. राय पशु चिकित्सा अधिकारी तराना ने कहा कि पशुपालन विभाग राज्य शासन की कई वित्तीय योजना एवं अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन करता है जिसकी जानकारी समय-समय पर ग्रामीणों को दी जाती है एवं कई ग्रामीण इसका लाभ भी ले चुके हैं। पशुपालन और कृषि दोनों एक दूसरे से संबंधित है जैसे दूध उत्पादन, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि पर शासकीय योजनाओं का लाभ लेते हुए व्यवस्थित रूप से इन योजनाओं का संचालन करें तो हम अब अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
योगेश परमार सामाजिक न्याय विभाग ने महिलाओं के लिए संचालित योजनाएं की जानकारी के साथ स्वयं की रक्षा के लिए कानून एवं क्या अधिकार प्राप्त है की विस्तृत जानकारी के साथ महिलाओं एवं बच्चों के लिए जारी हेल्पलाइन किस प्रकार कार्य करती है महिला प्रतिभागियों को दी।
श्री संतोष कृपा वेलफेयर सोसाइटी ने जैविक एवं प्राकृतिक खेती के माध्यम केस हम अपनी आई को दुगना कर सकते हैं पर प्रकाश डाला एवं तराना में ही जहां जैविक खेती हो रही है ऐसे जैविक कृषकों के अनुभव भी बतलाए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही कृषक अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं क्योंकि कृषि क्षेत्र में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है ईफ्को, कृभको उर्वरक क्षेत्र में एवं नेफेड जो कि कृषक उपज खरीदी बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान रखती है यह सहकारिता के महत्वपूर्ण उदाहरण है, पशुपालन क्षेत्र में श्वेत क्रांति से हमारे बीच अमूल एवं साँची जैसे कई सहकारिता आधारित उपक्रम कार्यरत है, हम चाहे तो सहकारिता आधारित सामूहिक कृषि भी कर सकते हैं, कृषकों कि यदि कोई आई दुगनी कर सकता है तो वह सहकारिता है क्योंकि सहकारिता में सदस्य ही संस्था का मालिक होता है। दिनेश सिंह यादव ने कहा कि ऐसा कोई बैंक नहीं है जो अपने सदस्यों को 0 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध कराएं। आप सभी कृषक भाई बैंक के सदस्य बन इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस अवसर पर श्री यादव ने युवा और कृषक उर्जावान करने के उद्देश्य से भावपूर्ण कविता भी सुनाई।
सहकारी प्रचारक नरेंद्र शर्मा ने सहकारिता के उद्देश्य, सिद्धांत एवं नियम को अपनी कविता के माध्यम से युवा एवं कृषको समझाए। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि एवं प्रतिभागियों का आभार कार्यक्रम के सयोजक शैलेंद्र सिंह चौहान सहकारी शिक्षा प्रेरक ने माना।

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