देवास, मोतीलाल जी जिनकी उम्र 56 साल हैl जिनको गर्दन की हड्डी मे लगभग तरबूज के आकार की विशालकाय गठान थी जिससे वह पिछले 25 साल से इस बीमारी से पीड़ित थे l गांठ धीरे धीरे इतनी बड़ती गई की वह साढ़े चार किलो की हो गई जिससे बहुत ज्यादा जान का खतरा बना हुआ थाl जिससे उनको गर्दन घुमाकर देखने एवं दैनिक दिनचर्या मे कई कठिनाइया होती थी साथ ही समाज मे भी उपेक्षित महसूस करने लगे थे कई अस्पतालो मे उन्होंने दिखाया पर उन्हे वहा से निराशा जनक उत्तर मिला|
फिर किसी के द्वारा उनको अमलतास अस्पताल का सुझाव दिया गया यहाँ उन्होंने डॉक्टर को दिखाया यहाँ करीब 4 डॉक्टर के द्वारा मरीज मोतीलाल जी का परीक्षण किया जिसमे मुख्यरूप से प्रख्यात प्लास्टिक सर्जन डॉ. सीमा मित्तल ने जरूरी जाँच के बाद सर्जरी का फैसला लिया | लगभग 10 डॉक्टर की टीम ने मिलकर 6 घंटे मे इस सफल सर्जरी को अंजाम दिया, जो की चुनौतिपूर्ण थी एवं किसी चमत्कार से कम नहीं थी क्योंकि गर्दन शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा हैं जिसमे कई नसे शरीर के सभी अंगो में फेली होती है
आज मोती लाल जी एवं उनके परिजन इसे आश्चर्य एवं चमत्कार मान रहे है। अब वह दैनिक दिनचर्या एवं गतिविधियों के साथ सामान्य जीवन यापन कर रहे । इनका इलाज आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क हुआ मोती लाल जी एवं उनके परिजन ने डॉक्टर की टीम एवं अमलतास स्टॉफ का आभार व्यक्त किया।