फाल्गुन की पूर्णिमा दो दिन 6 और 7 मार्च की सुबह करें बाल गोपाल का अभिषेक और शाम तुलसी और होलिका के पास जलाएं दीपक

0
113

इस साल पंचांग भेद की वजह से कुछ जगहों पर 6 को और कुछ जगहों पर 7 मार्च को होलिका दहन होगा। होली 8 मार्च को खेली जाएगी। फाल्गुन मास की पूर्णिमा 6 और 7 मार्च को होने से दो दिन विशेष पूजा अर्चना की जा सकती है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, होलिका दहन और होली भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा का महापर्व है। फाल्गुन पूर्णिमा पर विष्णु जी के स्वरूप भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़नी-सुननी चाहिए। इस पर्व की शाम को तुलसी के पास और होलिका के पास दीपक जलाना चाहिए। आपके शहर में 6 को होलिका दहन हो रहा है तो 6 को और अगर 7 को होलिका दहन हो रहा है तो 7 मार्च ये पर्व मना सकते हैं।

बाल गोपाल का ऐसे करें अभिषेक

  • पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके बाद घर के मंदिर में गणेश जी की पूजा करें।
  • प्रथम पूज्य गणेश जी को स्नान कराएं। वस्त्र, हार-फूल चढ़ाएं। भोग लगाएं और धूप-दीप जलाकर आरती करें। गणेश पूजा के बाद बाल गोपाल की पूजा शुरू करें।
  • पूर्णिमा पर बाल गोपाल का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है।
  • बाल गोपाल को पहले जल से, फिर पंचामृत से और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं।
  • स्नान के बाद भगवान को नए पीले-चमकीले वस्त्र पहनाएं। हार-फूल से श्रृंगार करें। आभूषण पहनाएं।
  • फल, मिठाई, जनेऊ, नारियल, दक्षिणा आदि शुभ चीजें चढ़ाएं। तुलसी के पत्ते डालकर माखन-मिश्री का और मिठाई का भोग लगाएं।
  • धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा में कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करना चाहिए।
  • पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा मांगें। घर के आसपास अन्य भक्तों को प्रसाद बांटें और खुद भी लें।

पूर्णिमा पर कर सकते हैं ये शुभ काम भी

पूर्णिमा पर शिवलिंग का जल और दूध से अभिषेक करें। अभिषेक के बाद बिल्व पत्र और फूलों से श्रृंगार करें। चंदन से तिलक लगाएं। धतुरा, आंकड़े के फूल चढ़ाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। आपके समय पर्याप्त हो तो सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।

जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल का दान करें। किसी गोशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के धन का दान करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here