मोहन यादव को चकमा देकर फरार हुई लुटेरी दुल्हन ….

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दूसरे पति के रहते सोनम ने रचा ली तीसरी शादी …


उज्जैन / इंदौर थाना तिलक नगर पुलिस ने मोहन यादव उम्र 33 निवासी स्कीम नंबर 140 इंदौर की रिपोर्ट पर सुदामा नगर उज्जैन की निवासी सोनम यादव के खिलाफ हेरा फेरी का केस दर्ज किया है।

जिसमें मोहन यादव द्वारा बताया गया की वह एक निजी कंपनी में कार्य करता है। उसने बताया कि सोनम से उसने वर्ष 2008 में खजराना गणेश मंदिर में शादी की थी और कोर्ट मैरिज भी की थी 10 साल तक साथ में रहे । परंतु इसके बाद सोनम आए दिन झगड़ा करने लगी और एक दिन मौका पाकर उसने घर में रखे सोने के जेवर गायब कर दिए और कुछ जेवर मणिपुरम गोल्ड में गिरवी रख दिए जिसके बाद वह घर में झगड़ा कर चली गई जिसके बाद मुझे पता चला कि घर मैं रखें सारे जेवर गायब है ।

जिसके बाद मेरे द्वारा तुरंत संबंधित थाने तिलक नगर थाने में शिकायत करने के बाद मैंने दो बार जहर खाकर अपने प्राण देने की कोशिश करें क्योंकि मैं पुलिस द्वारा मेरी सुनवाई नहीं होने के कारण में बहुत ज्यादा प्रताड़ित हो गया था बावजूद पुलिस ने मामले को जांच में लेकर टाल दिया वही मोहन यादव द्वारा बताया गया कि उज्जैन में सोनम उसकी मां राधा कौशल बहन एकता कौशल बहन सपना नरवरिया जीजा तेज सिंह नरवरिया जीजा शरद लोधी के द्वारा शशि पाठक को पैसे का लेनदेन कर कर बेचा गया है वही मोहन ने पुलिस कमिश्नर के साथ सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जिसके बाद जाकर पुलिस ने कुछ दिन पूर्व में सोनम के खिलाफ हेरा फेरी का केस दर्ज किया गया है जिसका मोहन ने थाने पर विरोध भी जताया क्योंकि पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराएं नहीं लगाई थी केवल हेराफेरी का केस दर्ज कर लिया था। वही मोहन द्वारा शिकायत में तीन चार लोगों के नाम और लिखवाए थे परंतु पुलिस ने कहा है कि सिर्फ सोनम के खिलाफ ही केस दर्ज किया जाएगा

मोहन ने बताया कि उसने पहली शादी रमेश कौशल के साथ की थी और दूसरी उसके साथ वहीं मोहन ने बताया कि वहां एक बार अपना गर्भपात भी करा चुकी है। जिसके सबूत भी मेरे द्वारा पुलिस को दिए गए हैं वही मोहन ने आरोप लगाया है कि शादी के नाम पर वो लोगों को इसे ही अपने जाल में फांसती है। पहले पति के साथ भी उसने ऐसा ही किया था परंतु समाज के डर और बदनामी के चलते उसने पुलिस में शिकायत नहीं की थी और कुछ दिनों बाद रमेश ने भी दूसरी शादी कर ली थी।

आखिर किसके दबाव में नहीं कर रही थी। पुलिस केस दर्ज

मोहन यादव ने जब पहली शिकायत दर्ज की तो पुलिस ने चोरों के बिल मांगना शुरू कर दिए और उससे चलता कर दिया आवेदन लेकर कहा कि जांच की जा रही है। उसने दो-तीन बार थाने जाकर बात की तो पुलिस वालों ने भगा दिया इसी वजह से बड़े अधिकारियों के पास पहुंचे और वहां से जांच के आदेश हुए जिस पर मामला दर्ज किया गया।

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