2 मार्च को हाथरस प्रकरण में आये न्यायालय के फैसले में 3 युवक बरी हुए हैं। एक को दोषी मानते हुए न्यायालय ने सजा सुनाई है। न्यायालय के फैसले के अगले दिन 3 मार्च को अलीगढ जेल से रिहा हो गए। अब कोर्ट से बरी हुए तीनों युवक अपने गांव में होली नहीं मनाएंगे। दोषमुक्त होने के बाद तीनों एक रात अपने घर पर रुके और अगले दिन अपने किसी रिश्तेदारी में चले गए।
हाथरस के चर्चित बिटिया प्रकरण में फैसला आने के बाद गांव में खामोशी छायी हुई है। गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात है। वही खुफिया तंत्र बेहद चौकन्ना है। जेल से रिहा हुए तीनों युवक अपनी रिश्तेदारियों में गए हैं। गांव के लोग होली के पर्व की तैयारी भी कर रहे हैं, लेकिन इसे लेकर ज्यादा उत्साह नहीं है।
कोर्ट ने 3 को बरी किया है
दो मार्च को आये फैसले में तीन आरोपियों रवि, रामू व लवकुश को कोर्ट ने बरी कर दिया था और चौथे आरोपी संदीप को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तीनों युवक जेल से रिहा होने के बाद एक रात तो अपने घर रुके। उसके बाद अपनी रिश्तेदारियों में चले गए।
गांव में पुलिस फोर्स तैनात
पीड़िता के घर पर लगातार सीआरपीएफ का पहरा है। गांव में पुलिस फोर्स भी तैनात है। गांव के कुछ लोग बताते है कि पिछले दिनों गांव में दो मौतें भी हो चुकी हैं। ऐसे में होली के पर्व की लोगों ने तैयारी तो की, लेकिन कोई विशेष उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। गांव के लोगों के साथ रिहा हुए तीनों युवक गांव में होली नही मनाएंगे।