बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में सरकार दे सकेगी निर्माण की अनुमति

18 साल के इंतजार के बाद मंगलवार को आखिरकार भोपाल का मास्टर प्लान-2031 आ सकता है। तीन साल पहले 5 मार्च 2020 को जारी ड्राफ्ट में दावे-आपत्ति की सुनवाई के बाद कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।

जो फाइनल ड्राफ्ट बना है, उसके मुताबिक बड़े तालाब के कैंचमेंट एरिया को कई जोनों में बांटकर उसमें निर्माण की अनुमति दी जा सकेगी। ग्रामीण क्षेत्र में तालाब से 250 मीटर और शहरी क्षेत्र में पहले की तरह 50 मीटर का बफर जोन ही पूरी तरह से निर्माण मुक्त होगा। ड्राफ्ट में शहर में रेसीडेंशियल इलाकों को 5 जोन में बांटा गया है।

बड़े तालाब के लगभग 360 वर्ग किमी के कैचमेंट एरिया में फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र में एग्रीकल्चर लैंडयूज है। यहां लैंडयूज में बदलाव की अनुमति नहीं मिलती। इस कारण यहां किसी भी तरह का निर्माण अवैध ही माना जाता है। अब इस कैचमेंट एरिया को कई भागों में बांट दिया गया है। इसमें बफर जोन को छोड़कर बाकी हिस्से को सरकार ने खोल दिया है।

इसमें प्रोहिबिटेड, रेगुलेटेड और परमिटेड एक्टिविटीज की अनुमति सरकार दे सकेगी। तीन साल पहले जारी ड्राफ्ट में बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में एफएआर बढ़ाने से लेकर कई जगह ग्रीन एरिया में पीएसपी (पब्लिक-सेमी पब्लिक, जिसमें स्कूल-कॉलेज बन सकते हैं)की अनुमति देने की बात थी।

इस पर आपत्तियां दर्ज कराई गई थी। लेक कंजर्वेशन अथॉरिटी ने वेटलैंड रुल्स – 2017 के अनुसार भोज वेटलैंड रुल्स तैयार किया था। मार्च 2022 में जो शासन को भेज दिए गए थे। इन नियमों को मास्टर प्लान में जोड़ा जा रहा है। इसमें बड़े तालाब के कैचमेंट में शहरी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, कोलांस नदी के साथ अन्य सहायक नालों के आसपास बफर जोन बनाए गए हैं।

इनके नक्शे भी तैयार कर शासन के भेजे गए हैं, ताकि कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहे। खास बात यह भी है बड़े तालाब को भरने वाली सबसे प्रमुख कोलांस नदी के आसपास भी 250 मीटर का बफर रहेगा। टीएंडसीपी एक्ट की धारा 19 (क) के तहत अधिसूचना जारी होगी और ड्राफ्ट में किए जा रहे बदलाव पर फिर से दावे-आपत्ति बुलाए जाएंगे।

इस पर प्रमुख सचिव स्तर पर सुनवाई होगी। इसके बाद अंतिम निर्णय होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस प्रक्रिया में अधिकतम 3 माह का समय लगेगा। यानी जून के पहले सप्ताह में प्लान लागू हो जाएगा।

बेंगलुरू की तर्ज पर प्रीमियम एफएआर

नया प्लान आने के बाद एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) अधिक मिलेगा। ये रेसीडेंशियल एरिया में 2.0 और कमर्शियल एरिया में 5 तक का एफएआर मिलेगा। इसका अर्थ यह हुआ कि 1000 वर्ग फीट के प्लॉट पर 1250 वर्ग फीट तक के निर्माण की अनुमति है।

एफएआर के 2 होने पर इसी प्लॉट पर 2000 वर्ग फीट तक का निर्माण किया जा सकेगा। बिल्डिंग की ऊंचाई सड़क की चौड़ाई और जोन के हिसाब से तय होगी। यह अतिरिक्त एफएआर बंगलुरू की तर्ज पर प्रीमियम एफएआर के रूप में मिलेगा।

यानी इसके लिए अतिरिक्त राशि चुकाना होगी। अधिक एफएआर खरीदने के दो तरीके होंगे। पहला- सरकार को कलेक्टर गाइडलाइन की 20% राशि प्रीमियम एफएआर के रूप में चुकाकर और दूसरा- टीडीआर (ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट) के रूप में किसी निजी व्यक्ति या सरकार से खरीदकर।

दिनभर विचार हुआ, लेकिन ऊपर से ग्रीन सिग्नल नहीं मिला

जीआईएस बेस्ड इस मास्टर प्लान के नक्शे में 64 लेयर हैं। इसका फायदा यह होगा कि बिजली लाइन, पानी की पाइप लाइन, सीवेज लाइन, सड़क से लेकर पार्किंग स्थल तक सब नक्शे में नजर आएंगे। इससे डेवलपर्स को प्लानिंग करना आसान होगा।

सोमवार को उच्च स्तर पर ड्राफ्ट को लेकर विचार- विमर्श हुआ और माना जा रहा था कि इसे शाम तक जारी कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उच्च स्तर से इसे मंगलवार को जारी करने का ग्रीन सिग्नल मिल गया है।

12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर खुल सकेंगे प्ले-नर्सरी स्कूल

मिसरोद, सलैया, बैरागढ़ चीचली, अयोध्या बायपास, भौंरी और एयरपोर्ट रोड व अन्य इलाकों में 12 मीटर से कम चौड़ी सड़कों पर प्ले स्कूल आदि की अनुमति होगी। 18 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर रिटेल शॉप, रेस्टोरेंट, कैंटिन, क्लीनिक, कोचिंग सेंटर, होस्टल, गेस्ट हाउस, होटल, प्राइमरी स्कूल, 24 मीटर तक चौड़ी सड़क पर सिनेमा, मल्टीप्लेक्स खुल सकेंगे।

अवधपुरी और कोलार में विवाद टालने को बदला रोड नेटवर्क

अवधपुरी क्षेत्र में नया रोड नेटवर्क बनेगा। एमजीएम स्कूल वाली सड़क का ले आउट भी इस तरह बदल दिया गया है कि बिल्डिंग को ना तोड़ना पड़े। कोलार में कान्हा कुंज से प्रस्तावित सड़क का ले आउट भी बदल दिया गया है। अब यह बगल की खाली जमीन से निकलेगी। मास्टर प्लान में मौजूदा बायपास के बाहर एक और रिंग रोड का प्रावधान है। यह होशंगाबाद रोड को सीहोर रोड से जोड़ेगी और पहली बार 18 मी. चौड़ी सड़कों को भी नक्शे पर दिखाया गया है।

मल्टीलेवल पार्किंग FAR में नहीं जुड़ेगी

पार्किंग के लिए नए प्रावधान किए गए हैं। शहरवासियों के पार्किंग के नेचर को देखते हुए किए गए बदलाव के अनुसार कॉमन मल्टीलेवल पार्किंग को एफएआर में नहीं जोड़ा जाएगा। कॉमन ओपन स्पेस में पार्किंग की अनुमति होगी और कनेक्टेड बेसमेंट को भी कॉमन पार्किंग की तरह उपयोग किया जा सकेगा।

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