इंदौर की बेटी ने देश की पहली ब्लड सीलिंग मशीन तैयार की है। वे 22 साल से मध्यप्रदेश में इस क्षेत्र में सिरमौर हैं। इस मशीन से ब्लड एकत्र करने वाली ट्यूब को सील किया जाता है। 2001 से पहले पूरे देश में ब्लड बैंक से जुड़े उपकरण विदेशों से ही भारत आते थे। कोई उपकरण खराब होता, तो उसे या तो विदेश भेजना पड़ता या फिर वहां से इंजीनियर यहां आते थे।
ऐसे विपरीत समय में इंदौर की बायोलाइन इंडिया कंपनी ने इस चुनौती को स्वीकार किया। कंपनी प्रमुख नीता गोयल ने बताया, हमारी कंपनी साइंटिफिक और एनालिटिकल उपकरण बनाती थी। तब हमने विचार किया कि क्यों न कम कीमत में अच्छी क्वालिटी के उपकरण इंदौर में ही तैयार किए जाएं। शुरुआत में हम माइक्रो इंडस्ट्री थे। फैमिली बैकग्राउंड भी बिजनेस का नहीं था और फाइनेंशियल चैलेंज भी सामने आए। पर हमने हार नहीं मानी।
विदेशी उपकरण से 75 प्रतिशत तक सस्ता
नीता ने बताया कि हमने विदेशी उपकरण से 75 प्रतिशत तक सस्ता और अच्छी क्वालिटी का प्रोडक्ट बनाया। मैंने पति राजीव गोयल और ससुर यशपाल गोयल से चर्चा कर मार्केटिंग स्ट्रैटिजी बदली। हमने तय किया कि कोई भी व्यक्ति जो हमारा प्रोडक्ट लेता है, चाहे वह 10 हजार का एक उपकरण खरीदे या 10 लाख की कई मशीनें, हम सभी को एक जैसी सर्विस उपलब्ध करवाएंगे।
इस कामयाबी के पीछे तीन मूल मंत्र रहे। पहला फोकस एरिया को सबसे अलग रखा। दूसरा जो प्रोडक्ट देशभर में कोई कंपनी नहीं बनाती केवल उसी को रिसर्च कर बनाना शुरू किया और तीसरा फॉरेन प्रोडक्ट की आफ्टर सेल सर्विस की कमजोरी को अपनी ताकत बनाकर रणनीति में बदलाव किया।