डॉ. सोनी सुसाइड केस जानबूझकर चौथी मंजिल पर पहुंचे जब कूदे तब फ्लोर पर केवल चार लोग थे, आधे घंटे तक घूमते रहे

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इंदौर में एक रिटायर्ड डॉक्टर ने C-21 मॉल की चौथी मंजिल (करीब 70 फीट ऊंचाई) से कूद कर खुदकुशी कर ली। वे सिर के बल नीचे गिरे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना सोमवार दोपहर की है। बताया जा रहा है कि जब वे कूद तब चौथी मंजिल पर केवल चार लोग ही थे। मॉल की चौथी मंजिल से नीचे गिरने का वीडियो सामने आया है। बताया जा रहा है कि वे करीब तीन घंटे तक मॉल में घूमते रहे। आखिर करीब 3.15 बजे मौका देखकर उन्होंने रैलिंग से बाहर आकर कूद गए। इस दौरान सिक्योरिटी और मॉल में आए लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की पर वे नहीं रुके। बताया जा रहा है कि वे रीढ़ की हड्‌डी की बीमारी से ग्रसित थे। आशंका जताई जा रही है कि इसी के चलते उन्होंने ये कदम उठाया। विजयनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। डॉक्टर मनमोहन सोनी (65) चोइथराम अस्पताल से रिटायर हुए थे। सोमवार सुबह 11 बजे वे बगैर खाना खाए ड्राइवर के साथ घर से निकले थे। C-21 मॉल के बाहर वे ड्राइवर से शॉपिंग का कहकर अंदर चले गए। 3 घंटे तक ड्राइवर मॉल के बाहर इंतजार करता रहा। वे सी-21 मॉल में सुसाइड करने का सोचकर ही आए थे। क्योंकि उनके द्वारा वहां किसी प्रकार की शॉपिंग के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। यही जानकारी मिली है कि वे मॉल में प्रवेश करने के बाद चौथी मंजिल पर करीब आधे घंटे तक घूम रहे थे। तब लोगों को उनके सुसाइड करने जैसे कदम उठाने का जरा भी अंदाजा नहीं था।

पहले वह जगह देखिए जहां से डॉ. सोनी कूदे…

C-21 मॉल की चौथी मंजिल की इसी जगह से रैलिंग को लांघकर डॉ. सोनी ने लगाई थी छलांग।
C-21 मॉल की चौथी मंजिल की इसी जगह से रैलिंग को लांघकर डॉ. सोनी ने लगाई थी छलांग।

अब जानिए डॉ. सोनी ने कूदने के लिए क्यों चुनी होगी यही जगह…

डॉ. सोनी की मौत के बाद दैनिक भास्कर मौके पर पहुंचा। यहां चौथी मंजिल पर ऑइनॉक्स थिएटर है। जबकि एक ओर सी-21 लॉउंज है तो उसके सामने गोवर्धन थाल रेस्टारेंट। उक्त फ्लोर पर दोपहर को फिल्म खत्म होने के बाद व लंच के दौरान लोगों का मूवमेंट ज्यादा रहता है। जबकि लॉउंज में शाम के बाद आवाजाही ज्यादा रहती है।

लाउंज कर्मचारियों के मुताबिक उक्त फ्लोर पर शनिवार व रविवार को ज्यादा आवाजाही रहती है जबकि सोमवार को कम रहती है। यही स्थिति दोपहर करीब 3 बजे थी। कुछेक लोग ही फ्लोर पर आ-जा रहे थे। खास बात यह कि उक्त फ्लोर पर कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक या किसी भी आइटम का कोई शो रूम या आउटलेट नहीं है। अगर उन्हें शॉपिंग करनी होती तो वे ग्राउंड या अन्य फ्लोर पर जाते क्योंकि वहां कई शो रूम हैं। यानी वे सोच समझकर ही चौथी मंजिल (सबसे आखिरी मंजिल) पर पहुंचे होंगे। कूदने से ठीक पहले डॉ. सोनी ने नीचे झांककर देखा और कूद कर खुदकुशी कर ली। वे रीढ़ की हड्‌डी से जुड़ी बीमारी से ग्रसित थे।

फ्लोर पर केवल चार लोग थे, तभी लगाई छलांग

मॉल के दो कर्मचारियों के मुताबिक डॉ. सोनी आधे घंटे पहले फ्लोर पर देखे गए थे। वे काफी देर तक इधर-उधर घूमते रहे जबकि हाथ में कुछ नहीं था। दोपहर 3.15 बजे जब उन्होंने छलांग लगाई तब लाउंज के बाहर दो कर्मचारी (एक महिला) थे। जबकि इसी कॉरिडोर से एक कपल लिफ्ट की ओर जा रहा था। इनके अलावा पूरे फ्लोर पर कोई नहीं था।

इस बीच सामने की ओर से डॉ. सोनी रैलिंग लांघ चुके थे। इस दौरान रेस्टोरेंट के अंदर से एक कर्मचारी ने पीछे से उन्हें देखा तो चिल्लाया। वह दरवाजा खोल कर बाहर आता तब तक डॉ. सोनी ने चार-छह सेकंड में खुद को कूदने के लिए तैयार किया और छलांग लगा दी।

मोबाइल, नकदी और दो अंगूठी मिली

इधर, ‘दैनिक भास्कर’ ने अन्य फ्लोर पर भी जानकारी हासिल की तो पता चला कि डॉ. सोनी ने किसी प्रकार की खरीदी नहीं की थी। ग्राउण्ड फ्लोर के एक शॉप कीपर शान खान ने बताया कि वे अपनी दुकान पर थे। तभी अचानक ऊपर से लोग चिल्लाए कि उन्हें देखो, रोको… इस पर मैंने ऊपर देखा तो डॉ. सोनी पाइप लांघकर कूदने के लिए आगे-पीछे हुए। और नीचे कूदकर नीचे आ गए। उनके पास से पर्स, मोबाइल, करीब तीन हजार रु. व दो अंगूठियां मिली हैं।

अच्छे-अनुभवी डॉक्टर ही नहीं बल्कि अच्छे इंसान थे

डॉ. सोनी सालों तक चोइथराम हॉस्पिटल के न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट में थे। वे यहां से दो साल पहले ही रिटायर्ड हुए थे। उनकी पत्नी डॉ. नीलू सोनी भी इस हॉस्पिटल में गायनाकोलॉजिस्ट रही हैं। हालांकि उनका सपना संगीता रोड पर निजी क्लिनिक भी है। हॉस्पिटल के डॉ. अमित भट्‌ट के मुताबिक डॉ. सोनी अच्छे व अनुभवी डॉक्टर तो थे ही वे एक अच्छे इंसान थे। उनके द्वारा सुसाइड करने की सूचना जैसे ही स्टाफ को लगी किसी को विश्वास नहीं हुआ।

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