मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री से मिलने काफी लोग पहुंचते है. वो अपना पर्चा बनवाकर अपनी समस्याओं का निवारण की आस लेकर आते है.
लेकिन लोगों का धीरेन्द्र शास्त्री से मिलने की एक प्रक्रिया है. इसमें टोकन सिस्टम से लोगों को चुना जाता है. आइए जानते है कि बागेश्वर धाम में टोकन कब डालते है.
कब डाले जाते हैं टोकन?
टोकन कब डलेंगे, उस दिन का निर्धारण खुद पंडित धीरेन्द्र शास्त्री करते हैं. जब तिथि तय हो जाता है तो सोशल मीडिया द्वारा या फिर बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार के आखिर में इसकी सूचना दे दी जाती है. टोकन लेने के लिए जिस पर्ची को भक्त जमा करता है, उनमें से कुछ पर्चियों को छांट कर फोन के माध्यम से भक्तों से संपर्क किया जाता है. किसी भी भक्त का नंबर आना बालाजी महाराज की इच्छा और आशीर्वाद पर होता है. इसमें किसी भी व्यक्ति विशेष का हाथ नहीं होता है.
बागेश्वर धाम टोकन कैसे मिलेगा ?
बागेश्वर धाम टोकन प्राप्त करने के लिए टोकन वितरण व्यवस्था को समझना होगा. पहले बागेश्वर धाम समिति एक तिथि निर्धारित करती है कि किस दिन टोकन डाले जाएगे. बागेश्वर धाम टोकन बागेश्वर धाम पर ही डाले जाते हैं. उसके बाद टोकन प्राप्त करने के लिए एक पर्ची पर या कागज के टुकड़े अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर लिखना होता है, और बागेश्वर धाम टोकन बॉक्स में डालना होता है. टोकन डालने के बाद लॉटरी सिस्टम से बागेश्वर धाम के लोग टोकन बॉक्स में से एक-एक पर्ची को निकालते है.उस लॉटरी के माध्यम से जिनका नाम आता है उनसे बागेश्वर धाम के लोग सोशल मीडिया अकाउंट या फिर फोन कॉल से सूचित करते है.