प्रयागराज में योग करते समय शंकरघाट मोहल्ले में रह रहे मध्य प्रदेश के बालाघाट निवासी ओम प्रकाश त्रिपाठी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह प्रयागराज के तेलियरगंज में कर्जनब्रिज के ऊपर रोज की तरह ही अपने दोस्तों के साथ योग कर रहे थे। सूर्य नमस्कार करते समय अचानक वह नीचे गिर गए और उनके नाक से खून बहने लगा।
इसके बाद दोस्तों ने उन्हें टीबी सप्रू (बेली) अस्पताल पहुंचाया। वहां से डॉक्टरों ने उन्हें स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय रेफर कर दिया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को उनका रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। ओम प्रकाश त्रिपाठी कंपनी गार्डन में भी टहलने के लिए जाया करते थे।
पत्नी डॉली के साथ शंकरघाट कॉलोनी में रहते थे ओम प्रकाश
मध्यप्रदेश के बालाघाट निवासी अनंतराम त्रिपाठी दरोगा थे। उनके बेटे ओम प्रकाश त्रिपाठी (51) अपनी पत्नी डॉली के साथ प्रयागराज के शंकर घाट मोहल्ले में रह रहे थे। ओमप्रकाश जिन्हें ओपी त्रिपाठी के नाम से दोस्त बुलाया करते थे सोरांव तहसील में एआरपी के पद पर तैनात थे।
मूलत: ओम प्रकाश उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक नियुक्त हुए थे। डायबिटिक होने के कारण वह सेहत को लेकर काफी फिक्र बंद थे। यही कारण है कि ओम प्रकाश त्रिपाठी नियमित रूप से शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रेलवे के कर्जन ब्रिज पर योग किया करते थे। ओपी त्रिपाठी न सिर्फ खुद योग करते थे, बल्कि अपने इष्ट मित्रों को भी योग सिखाया करते थे।
रोज की तरह ही वह अपने दोस्त एडवोकेट ज्ञान बहादुर और शिव बहादुर मौर्य के साथ कर्जन ब्रिज पर योग कर रहे थे। योग करते समय अचानक वह नीचे गिर गए। एडवोकेट ज्ञान बहादुर ने बताया कि उनकी नाक से खून बह रहा था।
हम लोगों ने उन्हें उठाने की कोशिश की तो वह अचेत हो गए थे। उठ नहीं पा रहे थे। किसी तरह उन्हें लेकर जब बेली अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया। स्वरूपरानी पहुंचने पर डॉक्टरों ने ओम प्रकाश त्रिपाठी को मृत घोषित कर दिया।
पर्यावरण और प्रकृति के काफी करीब थे ओम प्रकाश
ओम प्रकाश त्रिपाठी के मित्र व एडवोकेट ज्ञान बहादुर ने बताया कि अपने दोस्तों के बीच ओपी भाई के नाम से प्रसिद्ध ओम प्रकाश त्रिपाठी पर्यावरण और प्रकृति प्रेमी थे। उनके फेसबुक आईडी पर अगर आप देखेंगे तो ज्यादातर तस्वीरें प्रकृति और पर्यावरण के साथ मिलेंगी।
उन्हें दुर्गम पहाड़ियां, झरने और घने जंगल बेहद पसंद थे। प्रकृति के बीच समय बिताना उन्हें काफी पसंद था। यही कारण है कि वह नियमित योग और ध्यान किया करते थे। उनसे ही हम लोगों ने योग की बारीकियां सीखी हैं।
अब अचानक वो हमारे बीच नहीं है इसका हमें विश्वास ही नहीं हो रहा है। वह हम लोगों को प्यार से महाराज बुलाया करते थे। जैसे लग रहा है कि अभी आएंगे और कहेंगे और महाराज क्या हाल-चाल है। उनका जाना हम दोस्तों के लिए अपूरणीय क्षति है। ओम प्रकाश त्रिपाठी अपनी पत्नी डॉली के साथ तेलियरगंज में रहते थे।
पत्नी डॉली हैं ब्यूटीशियन, मोहल्ले में ही है पार्लर
ओम प्रकाश त्रिपाठी की पत्नी डॉली ब्यूटीशियन हैं। उन्होंने तेलियरगंज के शंकर घाट मोहल्ले में ही ब्यूटी पार्लर खोल रखा है। ओम प्रकाश त्रिपाठी की कोई संतान नहीं है। दोनों ही अपने-अपने काम में काफी व्यस्त रहा करते थे।
इसके अलावा अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के बीच ओम प्रकाश त्रिपाठी और डॉली काफी लोकप्रिय थे। सबके सुख-दुख में खड़े रहा करते थे। यही कारण है कि परिजनों के साथ ही साथ उनके दोस्तों का भी रो-रो कर बुरा हाल है। उनकी पत्नी यही कहकर रो रही हैं कि अब हम किसके सहारे जिएंगे। कौन है इस संसार में हमारा।