हम जमीन बताकर सर्वे का पैसा भी दे चुके, एयरपोर्ट अथॉरिटी को करना है फाइनल; फिर केंद्र सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव

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चापड़ा के पास प्रस्तावित देश के सबसे बड़े ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को लेकर औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने चुप्पी तोड़ी है। उनका कहना है कि हमने एयरपोर्ट के लिए जमीन बता दी है, सर्वे के लिए पैसा भी दे दिया है। केंद्र सरकार इसे फाइनल करेगी।

हालांकि उनके पास एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं था कि सरकार इसे किस मद में यानी पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप), निजी या सरकारी खर्च से बनवाना चाहती है। उधर, एयरपोर्ट का प्रस्ताव केंद्र तक नहीं पहुंचने के सवाल पर अफसर अब भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

बड़ा डर- एयरपोर्ट अटका तो इंदौर-भोपाल उद्योग कॉरिडोर भी संकट में न आ जाए

एक्सपर्ट का कहना है कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट अटकने के बाद इंदौर-भोपाल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रस्ताव भी संकट में आ सकता है। राज्य सरकार ने साल 2019-20 में इंदौर-भोपाल के बीच सैटेलाइट टाउन, इंडस्ट्रियल एरिया, ड्राई पोर्ट बनाने की घोषणा की थी। 20 हजार एकड़ में इंडस्ट्रियल टाउनशिप का प्रस्ताव भी था। औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन के पूर्व प्रमुख सचिव संजय शुक्ला के समय देवास में नए इन्वेस्टमेंट रीजन, शाजापुर में नया इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का प्लान बनाया था। अब इन प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ सकता है।

सवाल- यहां बना तो इंदौर-भोपाल में क्या जरूरत रहेगी

एमपीआईडीसी ने खुद एविएशन एक्सपर्ट को प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट बनाने के लिए नियुक्त किया। कंसलटेंट से 81 पेज की रिपोर्ट बनाई थी। 10 साल के मौसम डेटा सहित कई तरह के मैप और डेटा इसमें डाले गए। संबंधित विभाग के एक अधिकारी ने तर्क दिया कि यहां ट्रैफिक उतना नहीं मिलेगा। यदि यहां बनाया तो फिर इंदौर-भोपाल एयरपोर्ट की जरूरत क्या रहेगी? प्रोजेक्ट की रिपोर्ट बनाने वाले एविएशन एक्सपर्ट मनीष सिन्हा ने भी इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार किया।

अफसर अब भी खामोश

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा में दिए बयान (ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के संबंध में अभी तक प्रदेश सरकार से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है) के बाद संबंधित अफसरों से लगातार संपर्क की कोशिश की जा रही है, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

  • मनीष सिंह, प्रमुख सचिव, उद्योग विभाग 14 मार्च को फोन उठाया, विषय सुना- जवाब- नो कमेंट्स।
  • संजय शुक्ला, पूर्व पीएस, उद्योग विभाग। 14 मार्च को फोन नहीं उठाया।
  • 15 मार्च को बोले- अब मैं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हूं। एयरपोर्ट के मामले में विभाग से बात करें।

बड़ा डर- एयरपोर्ट अटका तो इंदौर-भोपाल उद्योग कॉरिडोर भी संकट में न आ जाए

एक्सपर्ट का कहना है कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट अटकने के बाद इंदौर-भोपाल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रस्ताव भी संकट में आ सकता है। राज्य सरकार ने साल 2019-20 में इंदौर-भोपाल के बीच सैटेलाइट टाउन, इंडस्ट्रियल एरिया, ड्राई पोर्ट बनाने की घोषणा की थी। 20 हजार एकड़ में इंडस्ट्रियल टाउनशिप का प्रस्ताव भी था। औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन के पूर्व प्रमुख सचिव संजय शुक्ला के समय देवास में नए इन्वेस्टमेंट रीजन, शाजापुर में नया इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का प्लान बनाया था। अब इन प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ सकता है।

किसी एक जगह एयरपोर्ट बनाने के लिए दबाव नहीं बना सकते

एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार को जमीन देनी है, हमने जमीनें बता दी हैं। सर्वे का पैसा भी दे दिया। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को तय करना है, वे इसे कहां बनाना चाहते हैं। वे जैसे ही मंजूरी देंगे, हम फाइनल प्रस्ताव भेज देंगे। उनकी कुछ शर्तें होती हैं, वे हवा का संवेग (विंड वेलोसिटी) चेक करते हैं। एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट के बीच की दूरी देखते हैं। हम किसी एक जगह बनाने के लिए केंद्र पर दबाव नहीं बना सकते।

-राजवर्धनसिंह दत्तीगांव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री, मप्र

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