शहर के घरों, दफ्तरों, दुकानों में जल्द ही दो तरह के स्मार्ट और प्री पेड स्मार्ट मीटर लगेंगे। बिजली चोरी के लिहाज से पुराने शहर के संवेदनशील इलाकों में प्री पेड मीटर लगेंगे। 255 करोड़ रुपए से 2.63 लाख मीटर लगाने का यह काम दो चरणों में होगा। पहला चरण इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इन मीटरों के लगने के बाद उपभोक्ता जरूरत के हिसाब से रिचार्ज करवाकर बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें बिजली चोरी के साथ ही मीटर रीडिंग का भी झंझट नहीं होगा।
केंद्र सरकार की रिवेंप्ड रिफॉर्म्स डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम (आरआरडीएस) के तहत यह काम होगा। अभी बिजली कंपनी की तकनीकी टीम द्वारा इसके लिए मोबाइल एप बनाया जा रहा है। इसके अलावा पेमेंट के इंटीग्रेशन को लेकर तैयारी चल रही है। केंद्र द्वारा 2025 तक देशभर में ऐसे मीटर लगाने की योजना को मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार ने बजट में भी इसका प्रावधान किया है। मीटर मौजूदा बिजली मीटर तथा डिजिटल मीटर्स की जगह लगाए जाएंगे। इनमें प्री -पेमेंट बिजली भुगतान का विकल्प भी रहेगा। इसके तहत पहले बिजली का भुगतान करना होगा, उसके बाद बिजली दी जाएगी।
इन मीटर्स को लगाने की यह तीन खास वजह
- जब ट्रांसमिशन के बाद डिस्ट्रीब्यूशन से उपभोक्ता तक बिजली पहुंचती है तो ट्रांसमिशन सिस्टम की वजह से बिजली की हानि होती है।
- जिनके पास बिल पहुंचता है, उनमें से कई लोग जमा नहीं करते। इससे कंपनी को होने वाले नुकसान को एटीएंडसी लॉस कहा जाता है। इस मीटर से इस लॉस को 11 से 36% तक कम किया जा सकता है और 21% तक बिल भुगतान को बढ़ाया जा सकता है।
- पुराने शहर के कई इलाकों में अभी भी हर महीने करीब 1.25 करोड रुपए की बिजली चोरी हो रही है। इस पर लगाम लगेगी।
इस तरह दो चरणों में होगा यह काम
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुताबिक इस स्कीम के पहले फेस में दिसंबर 2023 तक तथा दूसरे फेस में 2025 तक मीटर लगाए जाएंगे। इसका टेंडर प्रक्रियाधीन है। उपभोक्ताओं को इनका खर्च नहीं देना होगा।
इन मीटर्स की खासियत
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि जिस तरह मोबाइल को रिचार्ज करने के बाद कॉल और डाटा प्लान मिलता है। ठीक उसी प्रकार उपभोक्ता को यह विकल्प दिया जाएगा िक वह बिजली के इस्तेमाल के लिए स्मार्ट मीटर्स को पहले से रिचार्ज करा लें।
ये होंगे फायदे
- लोड को जरूरत के अनुसार बढ़ाया व घटाया जा सकता है।
- स्मार्ट मीटर्स में उपभोक्ता अपना डिस्ट्रीब्यूटर कभी भी बदल सकते हैं।
- बिलिंग व रीडिंग से जुड़ी शिकायतें कम होंगी। यह सिस्टम जीरो एरर मोड पर रहेगा। ऑन डिमांड कभी भी रीडिंग की जा सकेगी।
- बिजली चोरी-मीटर रीडिंग का झंझट होगा खत्म, जरूरत के हिसाब से रिचार्ज करवाकर बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे